Vande Mataram Bhasha: वंदे मातरम भारत का राष्ट्रीय गीत है, जिसे बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय ने लिखा था। यह गीत पहली बार 1875 में प्रकाशित हुआ। 'आनंदमठ' में आने के बाद यह स्वतंत्रता संग्राम का प्रेरक गीत बन गया। जानिए सबसे पहले किस भाषा में लिखा गया था? 

Vande Mataram History Facts: आज, सोमवार को लोकसभा में भारत के राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम को लेकर 10 घंटे की लंबी चर्चा चल रही है। इसकी शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की। इस पर बीजेपी-कांग्रेस आमने सामने हैं। वंदे मातरम सिर्फ एक गीत नहीं, बल्कि भारत की मिट्टी की महिमा और देशभक्ति की भावना का प्रतीक है। इसे पढ़ते ही हर भारतीय गर्व से भर उठता है। इसके 150 साल पूरे होने पर आइए जानते हैं इतिहास और यह किस भाषा में लिखा गया है...

वंदे मातरम का इतिहास

वंदे मातरम की रचना बंकिम चंद्र चटर्जी ने की थी। इसमें धरती को मां के रूप में दिखाया गया। पहली बार यह 7 नवंबर 1875 को 'बंगदर्शन' पत्रिका में छपा था। शुरू में इसके संस्कृत में दो ही छंद थे लेकिन बाद में चार छंद बंगाली में भी जोड़े गए। मतलब वंदे मातरम् पहले संस्कृत में लिखा गया, बाद में बंगाली भी मिलाकर गीत को पूरा किया गया।

वंदे मातरम आनंदमठ में कब आया?

1882 में यह गीत बंकिम चंद्र चटर्जी के उपन्यास 'आनंदमठ' में आया। उपन्यास में स्न्यासी और देशभक्ति की कहानी थी। बंगाल अकाल और अंग्रेज़ों के शोषण के समय यह गीत लोगों के लिए उम्मीद और हिम्मत बन गया। वंदे मातरम मतलब मां को नमन करना है, जो हर भारतीय के दिल में बस गया।

वंदे मातरम की लोकप्रियता कब बढ़ी?

स्वतंत्रता संग्राम के दौरान यह गीत क्रांतिकारियों का जज्बा बन गया। 1896 में कांग्रेस के कलकत्ता अधिवेशन में इसे पहली बार गाया गया। इसे गाने वालों में रवींद्रनाथ टैगोर थे। वंदे मातरम ने लोगों को देशभक्ति और एकता की ताकत दी।

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