सार

युवा शांभवी और उनकी मां वंदना बिष्ट के लिए रक्षाबंधन के दिन यहां का अनुभव शानदार रहा। दोनों ने भारत के वीर जवानों के लिए 25 हजार राखियां सौंपी। तमिल स्टूडेंट्स ने इन राखियों को देश की रक्षा करने वालों के लिए अपने हाथों से तैयार किया है। बहनों ने जनरल बिपिन रावत को राखी बांध देश के जवानों की रक्षा के लिए दुआ की है। 

नई दिल्ली। देश के चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ का साउथ ब्लॉक आफिस मिलिट्री पॉवर का सबसे बड़ा सेंटर है। युवा शांभवी और उनकी मां वंदना बिष्ट के लिए रक्षाबंधन के दिन यहां का अनुभव शानदार रहा। दोनों ने भारत के वीर जवानों के लिए 25 हजार राखियां सौंपी। तमिल स्टूडेंट्स ने इन राखियों को देश की रक्षा करने वालों के लिए अपने हाथों से तैयार किया है। बहनों ने जनरल बिपिन रावत को राखी बांध देश के जवानों की रक्षा के लिए दुआ की है। साथ ही शौर्य स्थल को देश का महान तीर्थस्थल बनाने का संकल्प लिया। 
करूर के भरानी एजुकेशनल इंस्टीट्यूट में पढ़ने वाली तमिल लड़कियां इन राखियों को देश के जवानों के लिए तैयार करती हैं। स्कूल के प्रिंसिपल राम सुब्रमण्यम हैं।

राखियां पाकर भाव विभोर हो उठे जनरल रावत

देश के चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ जनरल बिपिन रावत को शांभवी व उनकी मां वंदना बिष्ट ने यह राखियां सौंपी। राखियां पाकर जनरल बिपिन रावत ने कहा कि देश के वीर जवान अपनी बहनों से आशीर्वाद स्वरूप यह राखियां पाकर प्रफुल्लति होंगे। उन्होंने वादा किया कि सीमा के प्रहरियों के लिए आई इन राखियों को वह जरूर उन तक पहुंचाएंगे। 
हर साल यह राखियां वार मेमोरियल शौर्यस्थल देहरादून की ओर से श्रीमती वंदना बिष्ट विजय व कुमारी शांभवी द्वारा सेना के जवानों के लिए भेजी जाती हैं। 

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