सार

पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हुई हिंसा( post-poll violence in West Bengal) में 2 और FIR दर्ज की हैं। इस मामले में अब तक 37 FIR हो चुकी हैं। जांच CBI कर रही है।

नई दिल्ली. पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के बाद हुई हिंसा ( post-poll violence in West Bengal) की जांच कर रही Central Bureau of Investigation(CBI) का शिकंजा कसता जा रही है। इस मामले में शुक्रवार को 2 और FIR दर्ज की गईं। अब तक 37 मामले दर्ज हो चुके हैं। बता दें कि इस साल की शुरुआत में पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना के जगद्दल निर्वाचन क्षेत्र में चुनाव के बाद हिंसा के दौरान सोवा रानी मंडल की कथित हत्या के मामले में एजेंसी ने 3 सितंबर को रतन हलदर को गिरफ्तार किया था। 

कलकत्ता हाईकोर्ट ने दिया था CBI जांच का आदेश
ANI रिपोर्ट के अनुसार, अगस्त में कलकत्ता उच्च न्यायालय (Calcutta High Court) ने राज्य में चुनाव के बाद की हिंसा की घटनाओं की अदालत की निगरानी में CBI जांच का आदेश दिया था। HC ने विशेष जांच दल (SIT) गठित करने का भी आदेश दिया था। पश्चिम बंगाल कैडर के वरिष्ठ अधिकारी टीम का हिस्सा होंगे। अदालत ने राज्य सरकार को चुनाव के बाद हुई हिंसा के पीड़ितों के मुआवजे के लिए तत्काल कदम उठाने का भी निर्देश दिया है।

यह भी पढ़ें-यूपी में पश्चिम बंगाल पुलिस टीम को कमरे में बंद कर पिटाई, बीजेपी नेता को अरेस्ट करने पहुंची थी पुलिस

नतीजे आने के साथ ही शुरू हुई थी हिंसा
बंगाल में विधानसभा चुनाव के नतीजे 2 मई को घोषित किए गए थे। इसके बाद से राज्य के विभिन्न हिस्सों में तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के समर्थकों के बीच कथित रूप से झड़प के बाद हिंसक घटनाओं की सूचना मिली थी, जिसमें कई लोगों की मौत हो गई थी और लोग घर छोड़कर असम भाग गए थे। गृह मंत्रालय के निर्देश पर 4 सदस्यीय टीम ने चुनाव के बाद हिंसा प्रभावित क्षेत्रों का भी दौरा किया था।

यह भी पढ़ें-Terror module: त्यौहार पर देश में ब्लास्ट की साजिश रच रहा एक और आतंकवादी अरेस्ट, 6 पहले पकड़े जा चुके हैं

इस तरह फैलती गई हिंसा
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग(National Human Rights Commission of India-NHRC) ने जुलाई में एक विस्तृत रिपोर्ट बनाकर कलकत्ता हाईकोर्ट को सौंपी थी। इस रिपोर्ट में जिलेवार हिंसा की शिकायतों की संख्या भी है। रिपोर्ट के अनुसार कूचबिहार में 322 हिंसा के मामले, बीरभूम में 314, दक्षिण 24 परगना में 203, उत्तर 24 परगना में 198, कोलकाता में 182 और पूर्वी बर्दवान में 113 हिंसा के मामले सामने आए थे। 

यह भी पढ़ें-Bengal Violence: यहां भी तालिबान की तर्ज पर 'हिंसक खेल' हुआ था, महिलाओं को नोंचा था; सरेआम हुए थे मर्डर