सार

दक्षिण पश्चिम मानसून(southwest monsoon) धीरे-धीरे पूर्वोत्तर से मध्य और उत्तर भारत की ओर बढ़ गया है। इस बीच असम, मेघालय, त्रिपुरा, नागालैंड और अरुणाचल में भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। पिछले दिनों सिर्फ हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश और बिहार में एक या दो स्थानों पर लू(heat wave)चली। बाकी राज्यों में अब लू का असर खत्म हो गया है।
 

मौसम डेस्क. दक्षिण पश्चिम मानसून(southwest monsoon) धीरे-धीरे पूर्वोत्तर से मध्य और उत्तर भारत की ओर बढ़ गया है। पिछले दिनों सिर्फ हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश और बिहार में एक या दो स्थानों पर लू(heat wave)चली। बाकी राज्यों में अब लू का असर खत्म हो गया है। इस बीच पूर्वोत्तर राज्यों में असम, मेघालय, त्रिपुरा, नागालैंड और अरुणाचल प्रदेश सहित पूर्वोत्तर राज्यों के बड़े हिस्से में भारी बारिश से कई स्थानों पर बाढ़ की स्थिति और खराब हो गई है। (यह तस्वीर गुजरात के सूरत की है, जहां बारिश ने गर्मी से निजात दिलाई)

बिहार और ओडिश की ओर बढ़ा मानसून
मौसम विभाग ने अगले 4-5 दिनों में और बारिश होने का अनुमान जताया है।  मौसम विभाग ने अपने पूर्वानुमान में कहा कि 18 जून तक असम और मेघालय में अलग-अलग स्थानों पर अत्यधिक भारी वर्षा होने की संभावना है। दक्षिण-पश्चिम मानसून ने सभी पूर्वोत्तर राज्यों और उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों को कवर कर लिया है। इके दो-तीन दिनों में उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल के शेष क्षेत्रों, गंगीय बंगाल, बिहार के कुछ हिस्सों, झारखंड और ओडिशा में बढ़ने की संभावना है। बिहार और झारखंड में 19 जून तक और ओडिशा में 17 जून तक अलग-अलग भारी बारिश की संभावना है। असम के कम से कम 18 जिलों में भारी बारिश हो रही है, कामरूप, नलबाड़ी और बारपेटा जिलों के ताजा इलाकों में पानी भर गया है। 18 जिलों में बाढ़ से करीब 75 हजार लोग प्रभावित हुए हैं।  ब्रह्मपुत्र और उसकी सहायक नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है, जबकि मानस नदी कुछ स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही है।

इन राज्यों में भारी बारिश का अलर्ट
अगले 24 घंटों के दौरान, पूर्वोत्तर भारत, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम में मध्यम से भारी बारिश होती रहने की संभावना है। ओडिशा, छत्तीसगढ़ के कुछ हिस्सों, पूर्वी मध्य प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, लक्षद्वीप लक्ष्यदीप में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है और केरल में हल्की से मध्यम बारिश के साथ एक दो स्थानों पर भारी बारिश का अनुमान लगाया गया है। बिहार, झारखंड, कर्नाटक, तमिलनाडु के कुछ हिस्सों, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, विदर्भ, मराठवाड़ा, कोंकण और गोवा, पश्चिमी हिमालय, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और दिल्ली और एनसीआर के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश संभव है।  उत्तर और पूर्वी राजस्थान, गुजरात के कुछ हिस्सों और पश्चिमी मध्य प्रदेश में हल्की बारिश का पूर्वानुमान है।

मौसम में बदलाव की ये हैं मुख्य वजहें
स्काईमेट वेदर(skymet weather) के अनुसार,चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र दक्षिण-पश्चिम राजस्थान पर सक्रिय है। इस चक्रवाती परिसंचरण(cyclonic circulation) से एक ट्रफ रेखा अरब सागर के मध्य भागों तक फैली हुई है। एक अन्य ट्रफ रेखा उत्तर पश्चिमी उत्तर प्रदेश से बिहार, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम होते हुए असम तक फैली हुई है।

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग(India Meteorological Department) ने कहा, चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र दक्षिण पश्चिम बंगाल की खाड़ी और श्रीलंका के आसपास के हिस्सों पर बना हुआ है। एक ट्रफ रेखा बिहार से पूर्वी मध्य प्रदेश होते हुए तटीय आंध्र प्रदेश तक फैली हुई है।

बीते दिन इन राज्यों में हुई बारिश 
पिछले 24 घंटों के दौरान, पूर्वोत्तर भारत और उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल में मध्यम से भारी बारिश दर्ज की गई। ओडिशा, तटीय आंध्र प्रदेश, तेलंगाना के कुछ हिस्सों, लक्षद्वीप और कोंकण और गोवा में एक या दो स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ स्थानों पर भारी बारिश होती रही। बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, विदर्भ, केरल, तमिलनाडु, तटीय कर्नाटक, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश होटल, दक्षिण गुजरात और दक्षिण-पश्चिम उत्तर प्रदेश में हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई। वहीं, गंगीय पश्चिम बंगाल, आंतरिक तमिलनाडु, रायलसीमा, पूर्वी गुजरात, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, दिल्ली के कुछ हिस्सों, हरियाणा और पूर्वी राजस्थान में हल्की बारिश होती रही।

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