सार
भीषण गर्मी और लू झेल रहे देश के कई राज्यों के लिए अच्छी खबर है कि मानसून फिर से तेज होने जा रहा है। IMD ने अनुमान लगाया है कि 15 जून से मानसूनी फिर स्पीड पकड़ेगा। हालांकि फिलहाल दिल्ली सहित देश के कई राज्यों में लू चलने की आशंका है। आइए जानिए मौसम का मिजाज...
मौसम डेस्क. यह अच्छी खबर है कि दक्षिण पश्चिम (south west monsoon) के पूर्वोत्तर भारत में सक्रिय रहने की संभावना है। हालांकि इसके दक्षिण प्रायद्वीप पर कमजोर रहने का अनुमान लगाया गया है। मानसून 29 मई को ही केरल पहुंच गया था, लेकिन देश के बाकी राज्यों तक इसके पहुंचने में अभी समय है। मौसम विभाग के अनुसार, देश के मध्य और उत्तर के मैदानी इलाकों में 15 जून से मानसून स्पीड पकड़ेगा। गुजरात में प्री-मानसून की गतिविधियां शुरू हो रही हैं। अनुमान है कि यहां 10 से 12 जून के बीच बारिश हो सकती है। मुंबई में 11 जून को मानसून पहुंचने की उम्मीद लगाई जा रही है। भारतीय मौसम विभाग के डीजी मृत्युंजय महापात्रा ने भी 15 जून से मानसून में तेजी आने की उम्मीद जताई है। इस बीच दिल्ली के कुछ हिस्सों, पंजाब, उत्तराखंड, पश्चिम राजस्थान, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, पूर्वी मध्य प्रदेश, विदर्भ और झारखंड के अलग-अलग हिस्सों में लू(heat wave) की स्थिति बन सकती है। (File Photo)
इन राज्यों में बारिश या भारी बारिश का अलर्ट
भारतीय मौसम विभाग(India Meteorological Department) के अनुसार, सिक्किम, देश के पूर्वोत्तर भाग और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ स्थानों पर भारी बारिश का पूर्वानुमान है। केरल, तटीय कर्नाटक, दक्षिण आंतरिक कर्नाटक और तमिलनाडु के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है।
स्काईमेट वेदर(skymet weather) के अनुसार, दक्षिण मध्य महाराष्ट्र, मराठवाड़ा और उत्तरी आंतरिक कर्नाटक में बारिश की गतिविधियां बढ़ने के आसार हैं। यानी इन क्षेत्रों में भारी बारिश का अलर्ट है। तमिलनाडु, पूर्वी भागों और बिहार के पूर्वोत्तर भागों, कोंकण और गोवा के कुछ हिस्सों, तटीय आंध्र प्रदेश और लक्षद्वीप और तेलंगाना के एक या दो हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। मध्य महाराष्ट्र नहीं, गुजरात के पूर्वी हिस्सों, गिलगित-बाल्टिस्तान, मुजफ्फराबाद, जम्मू कश्मीर और लद्दाख में छिटपुट हल्की बारिश हो सकती है।
इन राज्यों में बारिश, भारी बारिश और का असर रहा
अगर पिछले 24 घंटों के दौरान की बात करें, दक्षिण तटीय तमिलनाडु, मेघालय, तटीय आंध्र प्रदेश, केरल के कुछ हिस्सों में अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के कई स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ स्थानों पर भारी बारिश दर्ज की गई। शेष पूर्वोत्तर भारत, सिक्किम, पूर्वी बिहार के कुछ हिस्सों, तमिलनाडु के शेष हिस्से और लक्षद्वीप में हल्की से मध्यम बारिश होती रही। दक्षिण आंतरिक कर्नाटक के कुछ हिस्सों, रायलसीमा, तटीय कर्नाटक और जम्मू-कश्मीर में हल्की बारिश दर्ज की गई। देश के कई हिस्सों में लू का असर रहा। पंजाब, उत्तराखंड, पश्चिम राजस्थान, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, पूर्वी मध्य प्रदेश, विदर्भ और झारखंड के अलग-अलग हिस्सों में दिल्ली के कुछ हिस्सों में लू चलती रही।
इन वजहों से भारत के मौसम में बदलाव
पश्चिमी विक्षोभ(western disturbance) उत्तरी पाकिस्तान और उससे सटे इलाके पर सक्रिय देखा जा रहा है। पूर्वी राजस्थान और आसपास के क्षेत्र पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। एक और चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र पूर्वी उत्तर प्रदेश में निचले स्तरों पर बन गया है। पूर्वी उत्तर प्रदेश पर बने चक्रवाती सर्कुलेशन(cyclonic circulation) से लेकर पूर्वी मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ होते हुए तटीय आंध्र प्रदेश तक एक ट्रफ रेखा बनी हुई है। चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र पश्चिम मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर सक्रिय है।
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