सार
पहाड़ी राज्यों में हो रही बारिश से दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर फिर बढ़ने की संभावना है। बीते कई दिनों से यमुना का जलस्तर खतरे के निशान के आसपास है लेकिन हथिनीकुंड बैराज से पानी छोड़े जाने के बाद बाढ़ का खतरा बढ़ गया है।
नई दिल्ली। देश के ज्यादातर हिस्सों में आसमान से आफत बरस रही है। पहाड़ी राज्यों हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड से लेकर महाराष्ट्र और गुजरात में बारिश का तांडव देखने को मिल रहा है। महाराष्ट्र, गुजरात में बारिश का रेड अलर्ट जारी किया गया है जबकि हिमाचल और राजस्थान में भी बादल खूब बरस रहे हैं। राजस्थान में भी बाढ़ जैसी स्थिति है। इसी बीच दिल्लीवासियों की नींद उड़ गई है। एक बार फिर दिल्ली में बाढ़ की आहट है। जिसे देखते हुए सरकार भी अलर्ट मोड पर है।
हथिनीकुंड बैराज से छोड़ा गया पानी
पिछले कई दिनों से दिल्ली में बाढ़ का पानी उतरने लगा था। हालांकि 10 दिन बाद दोबारा यमुना के जलस्तर में वृद्धि देखने को मिली। दरअसल, हथिनीकुंड बैराज से दो लाख क्यूसेक से ज्यादा पानी छोड़े जाने के कारण यमुना नदी में वाटर लेवल खतरे के निशान के ऊपर जा सकता है। इसी को देखते हुए दिल्ली सरकार सतर्क है। बता दें, नदी का जलस्तर 206.7 तक बढ़ गया तो यमुना में फिर से बाढ़ आ सकती है।
'बाढ़ से निपटने को तैयार है सरकार'
इसी बीच दिल्ली सरकार में राजस्व मंत्री आतिशी ने कहा कि केंद्रीय जल आयोग के ताजा अपडेट के मुताबिक संभावना है कि शाम तक यमुना नदी खतरे के निशान को पार कर सकती है। हर चुनौती से निपटने के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पूरी सरकार घटनाक्रम की बारीकी से निगरानी कर रही है। अगर जलस्तर 206.7 तक बढ़ जाता है तो निचले हिस्सों में बाढ़ आने की संभावना अधिक है। सरकार संवेदनशील क्षेत्रों में बाढ़ प्रभावितों की मदद करने के लिए प्रतिबद्ध है।
दिल्लीवासियों से सतर्क रहने की अपील
राजस्व मंत्री आतिशी ने बताया कि बाढ़ के खतरे को देखते हुए प्रभावितों को शिविरों में ठहराने और समर्थन देने के लिए सभी तैयारियां कर ली गई हैं। राजस्व विभाग ने बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए व्यापक इंतजाम किए हैं। कहा कि हमारे पास किसी भी क्षेत्र में आने वाली चुनौती से निपटने के लिए पर्याप्त प्लान है। उन्होंने जनता से सतर्क रहने और सरकार का सहयोग करने की अपील की।
बाढ़ से जल आपूर्ति पर पड़ सकता है असर
मालूम हो कि दिल्ली के ऊपरी हिस्से में बारिश की संभावना जताई गई है। जिससे जल स्तर में वृद्धि हो सकती है और इस कारण बाढ़ प्रभावितों को लंबे वक्त तक राहत शिविरों में रहना पड़ सकता है। इतना ही नहीं इसका असर शहर में पानी की आपूर्ति पर भी पड़ सकता है। बता दे,वजीराबाद में एक पंप हाउस में पानी भर जाने के कारण 4 से 5 दिनों तक आपूर्ति प्रभावित रही हालांकि बाद में स्थिति सामान्य हो गई। पंप हाउस वजीराबाद, चंद्रावल और ओखला ट्रीटमेंट प्लांट को पानी की सप्लाई करता है जो शहर की आपूर्ति का लगभग 25% है।