सार
पश्चिम बंगाल मे इस बार का विधानसभा चुनाव तृणमूल कांग्रेस के लिए एक बड़ी चुनौती बनकर सामने आया है। पिछले 10 साल से सत्ता में काबिज ममता बनर्जी की टीम बिखरने लगी है। चुनाव से पहले टीएमसी के कई विधायक भाजपा में चले गए। सूत्रों के अनुसार, अब 10 और विधायकों के अलावा 3 सांसद भाजपा के संपर्क में हैं।
कोलकाता, पश्चिम बंगाल. 2011 में वामपंथ के 34 साल पुराने किले को ढहाकर सत्ता पर काबिज हुईं ममता बनर्जी के लिए इस बार का विधानसभा चुनाव कड़ी परीक्षा ले रहा है। हिंदुत्व और घुसपैठियों के मुद्दे पर भाजपा ने तृणमूल को बुरी तरह घेर लिया है। विकास का मुद्दा एक अलग बात है। पिछले 10 साल से सत्ता में काबिज ममता बनर्जी की टीम बिखरने लगी है। चुनाव से पहले टीएमसी के कई विधायक भाजपा में चले गए। सूत्रों के अनुसार, अब 10 और विधायकों के अलावा 3 सांसद भाजपा के संपर्क में हैं।
मोदी की 7 मार्च की रैली ममता के लिए बनेगी मुसीबत
सूत्रों के अनुसार, तृणमूल के 10 विधायक और तीन सांसद ममता से नाराज चल रहे हैं। ये भाजपा के संपर्क में हैं। भाजपा इनका बैकग्राउंड निकलवा रही है। माना जा रहा है कि कोलकाता के ब्रिगेड ग्राउंड में मोदी की रैली के बीच तृणमूल के अंदर से कोई विस्फोटक खबर आएगी। इस बीच तृणमूल से भाजपा में आए दो विधायकों को टिकट नहीं मिलेगा।
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19 दिसंबर को अमित शाह की मौजूदगी में तृणमूल के पूर्व मंत्री और कद्दावर नेता शुभेंद्रु अधिकारी सहित 10 विधायक, एक सांसद और एक पूर्व सांसद भाजपा में शामिल हुए थे। इसके बाद दो और विधायकों मिहिर गोस्वामी व अरिंदम भट्टाचार्य ने भाजपा का झंडा थाम लिया। यह सिलसिला जारी है।
बता दें कि बंगाल की 294 सीटों के लिए 8 चरणों में वोटिंग होगी। पहले चरण में 294 में से 30 सीटों पर 27 मार्च को वोट डाले जाएंगे। दूसरे चरण में 30 सीटों पर एक अप्रैल को, तीसरे चरण में 31 सीटों पर 6 अप्रैल को, चौथे चरण में 44 सीटों पर 10 अप्रैल को, पांचवे चरण में 45 सीटों पर 17 अप्रैल को, छठे चरण में 43 सीटों पर 22 अप्रैल को, सातवें चरण में 36 सीटों पर 26 अप्रैल को और आठवें चरण में 35 सीटों पर 29 अप्रैल को वोटिंग होगी।
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