सार

लोकसभा अध्यक्ष किसे बनाया जाता है इसपर सबकी नजर है। स्पीकर की कुर्सी के लिए संभावित सांसद के रूप में कई नाम चर्चा में हैं। इनमें से एक दग्गुबाती पुरंदेश्वरी हैं।

नई दिल्ली। नरेंद्र मोदी सरकार 3.0 में कौन मंत्री होंगे और किस मंत्रालय को संभालेंगे इसकी घोषणा हो गई है। अब सबकी नजर लोकसभा अध्यक्ष की कुर्सी पर है। नरेंद्र मोदी के दूसरे कार्यकाल में ओम बिरला लोकसभा अध्यक्ष थे। वह इस बार भी लोकसभा अध्यक्ष रहते हैं या किसी और को यह जिम्मेदारी दी जाती है। स्पीकर की कुर्सी पर बैठने के लिए अगले संभावित सांसद के रूप में कई नाम चर्चा में हैं। इनमें से एक दग्गुबाती पुरंदेश्वरी हैं। आइए उनके लोकसभा अध्यक्ष बनने के पक्ष में मौजूद तीन वजहों को जानते हैं।

बहुभाषी, सीनियर और हर पार्टी में मित्र होना

पुरंदेश्वरी तीन बार लोकसभा सदस्य रह चुकी हैं। वह मनमोहन सिंह सरकार में केंद्रीय मंत्री थीं। उन्होंने 2004 में बापटला से पहला लोकसभा चुनाव जीता था। इसके बाद 2009 में कांग्रेस के टिकट पर विजयवाड़ा से भी चुनाव जीता था। पुरंदेश्वरी 2014 में मनमोहन सरकार द्वारा आंध्र प्रदेश को दो भागों में बांटने और अलग तेलंगाना राज्य बनाने के विरोध में भाजपा में शामिल हुईं थीं। पुरंदेश्वरी 2019 में राजमुंदरी सीट से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ीं थी, लेकिन हार गईं थी। 2024 में उन्हें राजमुंदरी से जीत मिली है।

पुरंदेश्वरी टीडीपी के संस्थापक और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे एक्टर एनटी रामाराव की चार बेटियों में से दूसरी हैं। वह तेलुगू, तमिल, हिंदी और फ्रेंच सहित कम से कम पांच भाषाएं जानती हैं। कई भाषा जानने से वह लोकसभा अध्यक्ष की भूमिका के लिए उपयुक्त हैं। पक्ष और विपक्ष दोनों तरफ पुरंदेश्वरी के दोस्त हैं। संसदीय गतिरोधों को सुलझाने में व्यक्तिगत समीकरण मजबूत ताकत साबित हुए हैं। सोमनाथ चटर्जी और पीए संगमा ने इसे साबित किया है।

लोकसभा में महिलाओं की संख्या में कमी

2024 के आम चुनाव में 2019 की तुलना में कम संख्या में महिलाएं जीतकर संसद पहुंची हैं। यह तब हुआ है जब पिछले साल संसद से लोकसभा और राज्यों के विधानसभाओं में महिलाओं को 33% आरक्षण देने का बिल पास हुआ। इस साल के लोकसभा चुनाव में यह कानून लागू नहीं हुआ है।

NDA मंत्रिमंडल के लिए मंत्रियों के चुनाव ने पहले ही कुछ लोगों को चौंका दिया है। मंत्रिपरिषद में महिलाओं की संख्या कम हुई है। पिछली सरकार में 11 महिला मंत्री थीं। इस बार 4 महिलाएं कैबिनेट में हैं। पुरंदेश्वरी को लोकसभा अध्यक्ष बनाए जाने से यह संदेश जाएगा कि मोदी सरकार उच्च राजनीतिक महत्व के पदों पर महिलाओं को बढ़ावा दे रही है। भारत में दो महिलाएं (मनमोहन सिंह सरकार के दौरान मीरा कुमार और मोदी सरकार 1.0 के दौरान सुमित्रा महाजन) लोकसभा अध्यक्ष रह चुकी हैं।

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टीडीपी से संबंध

पुरंदेश्वरी टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू की रिश्तेदार हैं। उन्हें लोकसभा अध्यक्ष के रूप में चुनना एनडीए में राजनीतिक रूप से अच्छा विकल्प है। ऐसी रिपोर्टें आई हैं कि नायडू को आशंका है कि अगर उनकी पार्टी में विभाजन जैसी स्थिति आती है जैसा कि महाराष्ट्र में शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के मामले में देखा गया है तो उनकी पसंद का अध्यक्ष उनकी टीडीपी को टूटने से बचा सकता है। पुरंदेश्वरी और नायडू की पत्नी बहनें हैं। टीडीपी प्रमुख की शादी एनटी रामा राव की तीसरी बेटी से हुई है।

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