संसद के शीतकालीन सत्र (Parliament Winter Session) में किसान आंदोलन का मुद्दा खत्म हो जाने के बाद अब विपक्ष 12 MPs के निलंबन को लेकर खासी नाराज है। कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि अध्यक्ष को अपनी शक्ति का इस्तेमाल करते हुए निलंबन वापस लेना चाहिए।

नई दिल्ली. संसद के शीतकालीन सत्र (Parliament Winter Session) में विपक्ष राज्यसभा से 12 MPs को निलंबित करने के मामले को लेकर नाराज है। किसान आंदोलन का मुद्दा खत्म हो जाने के बाद विपक्ष का फोकस अब 12 MPs के निलंबन को लेकर बना हुआ है। इस बीच आज संसद में केंद्रीय जांच ब्यूरो(CBI) और प्रवर्तन निदेशालय(ED) के डायरेक्टर का कार्यकाल दो साल के अनिवार्य कार्यकाल के बाद तीन साल तक बढ़ाए जाने वाले बिल को पेश किया जा सकता है। इस बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी सहित विपक्षी तमाम नेता ने दिल्ली में संसद परिसर में गांधी प्रतिमा पर 12 राज्यसभा सांसदों के निलंबन के विरोध में शामिल हुए। विपक्षी नेताओं ने नारेबाजी करते हुए निलंबन रद्द करने की मांग उठाई। इसके बाद गांधी प्रतिम से विजय चौक तक मार्च निकाला। इसमें राहुल गांधी काले कपड़े पहनकर विरोध करते दिखे। राहुल ने कहा-"विपक्ष को सवाल नहीं उठाने दिए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री सदन में नहीं आते हैं। लोकतंत्र को चलाने का यह सही तरीका नहीं है। लोकतंत्र की हत्या है। निलंबित सांसद लगातार धरने पर बैठे हैं। उनकी बात नहीं सुनी जा रही है

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विंटर सेशन update
संसद के दोनों सदनों में विपक्षी दलों के फ्लोर लीडर्स ने राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के कार्यालय में बैठक की। जिसमें 12 सांसदों के निलंबन को रद्द करने की मांग को लेकर आगे के लिए प्रदर्शन की रणनीति पर चर्चा की गई।

कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा-अध्यक्ष किसी भी नियम को स्थगित कर सकते हैं। किसी भी प्रस्ताव को पास कर सकते हैं लेकिन सरकार उन्हें ऐसा करने नहीं दे रही है। हम चाहते है कि अध्यक्ष अपनी शक्ति का इस्तेमाल करें और सभी 12 सांसदों के निलंबन को वापस लें। बता दें कि मानसून सत्र(monsoon session) के दौरान राज्यसभा में मार्शलों के साथ धक्का-मुक्की और गदर मचाने वाले 12 सांसदों को शीतकालीन सत्र (Parliament Winter Session) के पहले ही दिन यानी 29 नवंबर को उस गलती की सजा मिल गई। अब उनके निलंबन को लेकर विपक्ष ने दूसरे दिन सदन से वॉकआउट कर दिया था। इस मुद्दे पर केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने तब कहा था-आप लोग माफी मांग लीजिए, खेद व्यक्त कीजिए। लेकिन विपक्ष ने उन्होंने इसे खारिज कर दिया, साफ इनकार किया। इसलिए मज़बूरी में हमें ये फैसला लेना पड़ा। उन्हें सदन में माफी मांगनी चाहिए।

CBI और ED के कार्यकाल के बारे में
CBI और ED के डायरेक्टर का कार्यकाल बढ़ाने वाले बिल को आज संसद के शीतकालीन सत्र (Parliament Winter Session) में रखा जा सकता है। इसे लेकर सरकार 14 नवंबर को दो नए अध्यादेश लेकर आई थी। इसके बाद केंद्रीय जांच ब्यूरो(CBI) और प्रवर्तन निदेशालय(ED) के डायरेक्टर का कार्यकाल दो साल के अनिवार्य कार्यकाल के बाद तीन साल तक बढ़ाना चाहती है। यानी डायरेक्टर का कार्यकाल 2 साल फिक्स होगा, जबकि बाकी के तीन साल समीक्षा और गठित समितियों की मंजूरी के बाद क्रमश: हरेक साल बढ़ाए जाएंगे।

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