सार
Srinagar Zojila tunnel Project : जोजिला टनल के प्रोजेक्ट हेड हरपाल सिंह बताते हैं कि एमईआईएल की टीम ने कठिन परिस्थितियों में समर्पण और कड़ी मेहनत के साथ इस परियोजना को अंजाम दिया है। वे कहते हैं कि इस बार सर्दियों में अब तक की सबसे ज्यादा बर्फबारी हुई है। तापमान माइनस 30 डिग्री तक गिर गया। इसके बावजूद हमारे कर्मचारी अपने प्रोजेक्ट पर डटे रहे और सुरंग के अंदर काम जारी रखा।
नेशनल डेस्क। श्रीनगर और लद्दाख को हर मौसम में कनेक्टिविटी देने वाली जोजिला टनल (Zojila Tunnel) का पांच किमी काम पूरा हो चुका है। कश्मीर में इस सीजन सबसे ज्यादा बर्फबारी हुई, लेकिन टनल के अंदर काम जारी रहा। इस टनल का काम कर रही इन्फ्रास्ट्रक्चर कंपनी मेघा इंजीनियरिंग लिमिटेड (MEIL) ने 14 महीने के रिकॉर्ड समय में 5 किमी की टनल पूरी की है।
3,528 मीटर ऊंचाई पर माइनस 30 डिग्री में चल रहा काम
जोजिला टनल के प्रोजेक्ट हेड हरपाल सिंह बताते हैं कि एमईआईएल की टीम ने कठिन परिस्थितियों में समर्पण और कड़ी मेहनत के साथ इस परियोजना को अंजाम दिया है। वे कहते हैं कि इस बार सर्दियों में अब तक की सबसे ज्यादा बर्फबारी हुई है। तापमान माइनस 30 डिग्री तक गिर गया। इसके बावजूद हमारे कर्मचारी अपने प्रोजेक्ट पर डटे रहे और सुरंग के अंदर काम जारी रखा। वे बताते हैं कि लगातार बर्फबारी और बर्फीले तूफानों के बीच कंपनी के कर्मचारियों ने यहां तेजी से काम जारी रखा, जिसके परिणाम स्वरूप समुद्र तल से 3,528 मीटर की ऊंचाई पर 5 किमी तक काम हो सका।
सैनिकों के बेहद उपयोगी होगी यह टनल, हर मौसम में देगी कनेक्टिविटी
जोजिला टनल श्रीनगर और लद्दाख की दूरी कम करने वाला प्रोजेक्ट है। प्रोजेक्ट से जुड़े अधिकारी बताते हैं कि अक्टूबर नवंबर से बर्फबारी शुरू होते ही श्रीनगर और लद्दाख के बीच आवागमन बंद हो जाता है। लेकिन सामरिक दृष्टि से यह मार्ग बेहद महत्वपूर्ण है। नेशनल हाईवे और इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (NHIDCL) की इस परियोजना पर एमईआईएल काम कर रही है। यह टनल पूरी होने के बाद से श्रीनगर और लद्दाख के बीच पूरे साल बिना किसी रुकावट के कनेक्टिविटी जारी रहेगी।
सुरंगे, पुल समेत इंजनियरिंग के कई नायाब नमूने इस प्रोजेक्ट में शामिल
इस प्रोजेक्ट में तीन सुरंगें, चार पुल, बर्फ से बचाव वाली संरचनाएं, पुलिया, कैच डैम, डिफ्लेक्टर डैम, कट जैसे इंजीनियरिंग के बेजोड़ नमूने शामिल हैं। सितंबर में अपनी यात्रा के दौरान केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने इस परियोजना के तेज काम को देखते हुए कंपनी की सराहना की थी। यह प्रोजेक्ट 2026 में पूरा होना है। लेकिन गडकरी ने कहा था कि हम चाहते हैं कि जोजिला टनल 2023 तक पूरी हो जाए, जिससे 2024 के चुनावों में हम इसे सरकार की उपलब्धियों में शामिल कर सकें। मंत्री ने कहा था कि इस परियोजना से जम्मू-कश्मीर में सामाजिक-आर्थिक सुधार होगा। इसके अलावा परिवहन और पर्यटन आसान होगा।
2026 में पूरा होना है प्रोजेक्ट
01 अक्टूबर 2020 को MEIL कंपनी को यह प्रोजेक्ट दिया गया। इस पूरे प्रोजेक्ट के तहत 32 किमी का राजमार्ग बन रहा है, जिसमें टनल भी शामिल है। इसे दो भागों में बांटा गया है। हर मौसम में कनेक्टिविटी के लिए 13.3 किमी की मेन टनल बन रही है। प्रोजेक्ट का 18 किमी का पहला हिस्सा तालताल-सोनमर्ग को जोड़ता है। इसमें प्रमुख पुल और समानांतर सुरंगें हैं। इसके अलावा 13.3 किमी लंबी जोजिला मेन टनल का काम भी जोरों पर है। इस प्रोजेक्ट का काम कर रही मेघा इंजीनियरिंग एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड वैश्विक कंपनी है। हैदराबाद की इस कंपनी ने 60 देशों में काम किया है।
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