सार
पूजा गहलोत ने कॉमनवेल्थ गेम्स (Commonwealth Games) में ब्रान्ज मेडल जीता है। हालांकि पूजा ने ब्रान्ज (Bronze Medal) जीतने पर माफी मांगी है और प्रधानमंत्री ने भी उन्हें कहा कि उनका मेडल माफी के लिए नहीं बल्कि जश्न के लिए है।
Commonwealth Games. कॉमनवेल्थ गेम्स में भारतीय पहलवान पूजा ने कांस्य पदक जीता है। हालांकि कांस्य जीतने के बाद पूजा काफी भावुक हो गईं और रोने लगीं। इस पर पीएम नरेंद्र मोदी ने भी रियेक्ट किया है और उन्हें शाबासी दी है। सोशल मीडिया पर पूजा को लेकर काफी कमेंट्स आ रहे हैं और लोग पूजा की जीत पर उन्हें बधाईयां दे रहे हैं। पूजा गहलोत सेमीफाइनल में कनाडा की मैडिसन बियांका पार्क्स से 6-9 से हार गईं लेकिन इसके बाद स्कॉटलैंड के लेचिदजियो को 12-2 से हराकर कांस्य पदक पक कब्जा किया। आइए जानते हैं कौन हैं पूजा गहलोत...
कौन हैं पूजा गहलोत
कॉमनवेल्थ खेलों में भारत के लिए पदक जीतने वाली पूजा भारतीय फ्री स्टाइल कुश्ती की खिलाड़ी हैं। नेशनल स्तर पर वे गोल्ड मेडल जीत चुकी हैं। साथ ही अंडर-23 वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप में वे सिल्वर पदक विजेता हैं। पूजा का जन्म दिल्ली में हुआ था लेकिन वे परिवार के साथ हरियाणा फरमान में रहती हैं। पूजा का जन्म 15 मार्च 1997 में नरेला नई दिल्ली में हुआ। उनके पिता विजेंद्र सिंह व मां जगवंती देवी हैं। पूजा के कुल तीन भाई बहन हैं। दो भाइयों का नाम अंकित गहलावत और पुष्पेंद्र गहलावत है। वे कुश्ती खिलाड़ी गीता व बबिता फोगाट की चचेरी बहन हैं। उन्होंने लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी से बीई, पीईडी कोर्स किया है।
पूजा का करियर
- पूजा गहलोत ने 2016 में रांची में हुए जूनियर कुश्ती चैंपियनशिप में अपना पहला गोल्ड जीता
- 2018 में पूजा ने भारत केसरी प्रतियोगिता जीती और 10 लाख का ईनाम अपने नाम किया
- 2017 में एशियन जूनियर चैंपियनशिप में पूजा ने गोल्ड मेडल पर कब्जा किया
- 2019 में हंगरी में विश्व कुश्ती प्रतियोगिता में पूजा ने सिल्वर मेडल जीता था
6 साल की उम्र से ले रहीं हैं प्रशिक्षण
पूजा मात्र 6 साल की उम्र से ही पहलवानी का प्रशिक्षण ले रही हैं। पिता ने जब मना किया तो उन्होंने कुश्ती छोड़कर बॉलीबाल खेलना शुरू कर दिया। फिर गीता व बबिता फोगाट की सफलता ने उन्हें फिर से खेलने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कुश्ती का प्रशिक्षण लेना शुरू किया और चाचा धर्मवीर सिंह ने उनको ट्रेनिंग दी। वे पहलवान योगेश्वर दत्त को अपना गुरू मानती हैं।
यह भी पढ़ें