सार

भारतीय महिला एथलीट दुती चंद ने 100 मीटर और 200 मीटर दोनों दौड़ में टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर लिया है। इतना ही नहीं दुती चंद के नाम को ओडिशा सरकार ने देश के सबसे बड़े खेल सम्मान राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार के लिए आगे किया है। 

स्पोर्ट्स डेस्क : भारत की 'स्प्रिंट क्वीन' दुती चंद (Dutee Chand) ने 100 मीटर और 200 मीटर दोनों दौड़ में टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics2020) के लिए क्वालीफाई कर लिया है। उन्होंने वर्ल्ड रैंकिंग में 100 मीटर रेस में 44वीं रैंक जबकि 200 मीटर में वो 51वें रैंक हासिल की है। जिसके चलते उन्हें ओलंपिक कोटा हासिल हुआ है। इतना ही नहीं दुती चंद के नाम को ओडिशा सरकार ने देश के सबसे बड़े खेल सम्मान राजीव गांधी खेल रत्न (Khel Ratna) पुरस्कार के लिए आगे किया है। 

ट्वीट कर किया शुक्रिया अदा
राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार के लिए अपने नाम भेजे जाने पर दुती चंद ने ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को शुक्रिया किया। उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि 'खेल रत्न पुरस्कार के लिये मेरा नाम भेजने पर ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की शुक्रगुजार हूं। आपका आशीर्वाद हमेशा बना रहें।' बता दें कि ओडिशा सरकार ने दुती के अलावा राज्य से खेल मंत्रालय को पांच और नाम भेजे हैं।

ओलंपिक सिलेक्शन पर बोली दुती
दुती चंद ने टोक्यो ओलंपिक के लिए सिलेक्शन होने पर कहा कि 'टोक्यो ओलंपिक की कट-ऑफ तारीख 30 जून थी और स्प्रिंट स्पर्धाओं के लिए केवल 56 प्रतिभागियों को अनुमति दी गई है। हालांकि मुझे अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं मिली है, मुझे यकीन है कि मुझे टोक्यो ओलंपिक के लिए चुना जाना चाहिए।' उन्होंने कहा कि 'मैं पिछले चार साल से इस टूर्नामेंट के लिए कड़ी मेहनत कर रही हूं। अब मेरा सपना सच हो गया है। पिछले दो साल से मेरा प्रदर्शन लगातार अच्छा रहा है। मैं इस आयोजन में अच्छे प्रदर्शन को लेकर आश्वस्त हूं।'

ऐसा रहा दुती का स्ट्रगल
2018 एशियाई खेलों में 100 मीटर और 200 मीटर स्पर्धाओं में रजत पदक जीतने वाली 25 वर्षीय दुती को पिछले साल अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। हालांकि, दुती का एथलीट बनने का सपना इतनी आसानी से पूरा नहीं हुआ। एक समय था जब ट्रेनिंग किट लेने के लिए उनके घर वालों के पैसे नहीं थे, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और नंगे पैर ही दौड़ना शुरू कर दिया। दुती चंद ने 2019 में एक खुलासा करके पूरी दुनिया को चौंका दिया था। दुती पहली ऐसी भारतीय महिला एथलीट हैं जिन्होंने समलैंगिक होने की बात सार्वजनिक तौर पर कबूल की है। इसे लेकर उन्हें ग्लासगो कॉमनवेल्थ खेलों में अयोग्य करार दिया गया था। लेकिन कोर्ट के फैसले के बाद उन्होंने उस खेल में भाग भी लिया और बेहतरीन रिकॉर्ड अपने नाम भी किया।

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