सार

पीवी सिंधु (PV Sindhu) सिंगापुर ओपन (Singapore Open) के फाइनल में पहुंच गईं हैं। उन्होंने जापानी खिलाड़ी साइना कावाकामी को 21-15, 21-7 से हरा दिया। सेमीफाइनल मुकाबला 32 मिनट चला।

स्पोर्ट्स डेस्क। भारत की बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु (PV Sindhu) सिंगापुर ओपन (Singapore Open) के फाइनल में पहुंच गईं हैं। उन्होंने शनिवार को जापानी खिलाड़ी साइना कावाकामी को हराया। सेमीफाइनल मुकाबला 32 मिनट चला। इस दौरान सिंधु ने कावाकामी को 21-15, 21-7 से हरा दिया। सेमीफाइनल में सिंधु ने पूरे मैच के दौरान कमान अपने हाथ में रखा। पहले सेट में कावाकामी ने सिंधु का कड़ा मुकाबला किया। वहीं, दूसरा सेट एकतरफा रहा।

डबल ओलंपिक पदक विजेता सिंधु ने इस साल सैयद मोदी इंटरनेशनल और स्विस ओपन में दो सुपर 300 खिताब जीते थे। वह अब 2022 सीजन के अपने पहले सुपर 500 खिताब से सिर्फ एक जीत दूर हैं। सिंधु ने मैच की शुरुआत से ही अपने व्हिपिंग स्मैश का इस्तेमाल किया। कई बार उन्हें फैसला लेने में परेशानी हुई। कई बार उनकी सटीकता में कमी देखी गई। इसके बाद भी उन्होंने अपने ताकतवर स्ट्रोकप्ले के चलते जीत हासिल की।

पहले सेट में हुआ एक-एक अंक के लिए संघर्ष
24 साल की जापानी खिलाड़ी साइना कावाकामी ने सिंधु की बराबरी करने की पूरी कोशिश की। दोनों ने एक-एक अंक के लिए कड़ा संघर्ष किया। सिंधु ने दो वीडियो रेफरल जीते। उन्होंने एक कमजोर हाई लिफ्ट पर अंक जुटाया और 18-14 पर जाने के लिए बेसलाइन पर अच्छी कॉल की। कावाकामी से दो बार गलती हुई, जिसके चलते सिधु ने आराम से पहला सेट जीत लिया। 

कावाकामी के पास नहीं था सिंधु के अटैकिंग रिटर्न का जवाब
दूसरे सेट में कावाकामी का संघर्ष जारी रहा। वह शटल को नियंत्रित करने में विफल रहीं, जिसके चलते सिंधु ने 0-5 की शुरुआती बढ़त पा ली। सिंधु ने अपनी प्रतिद्वंद्वी को उलझाया और धैर्यपूर्वक उनकी गलतियों का इंतजार किया और अंक जुटाए। कावाकामी के पास सिंधु के फोरहैंड अटैकिंग रिटर्न और बैकहैंड फ्लिक का कोई जवाब नहीं था।

यह भी पढ़ें- Women's Hockey World Cup: जापान पर 3-1 से जीत के साथ भारत ने खत्म किया अपना अभियान

इससे पहले सिंधु और कावाकामी के बीच दो मुकाबले हुए थे। दोनों में ही सिंधु ने जीत हासिल की थी। कावाकामी की वर्ल्ड रैंकिंग 38 है। सिंधु की वर्ल्ड रैंकिंग 7 है। सिंधु ने सिंगापुर ओपन के क्वार्टर फाइनल में हैन यू को 17-21, 21-11 और 21-19 से हराया था।

यह भी पढ़ें- 94 वर्षीय चैंपियन दादी ने किया विदेशी धरती पर धमाल, 100 मीटर रेस में गोल्ड जीत किया हैरान