सार
पुलिस ने जांच की तो पता चला कि इंदिरा की 7 दिसंबर के दिन ही बेहोश हो चुकी थी। लेकिन बच्चे मां को अस्पताल पुजारी सुदर्शन की सलाह अस्पताल लेकर नहीं गए थे। पुजारी का कहना था कि अगर वह मां को अस्पताल लेकर जाएंगे तो भगवान इंदिरा की रक्षा नहीं करेंगे।
डिंडीगुल. तमिलनाडु से एक बेहद दिल को झकझोर देने वाली इमोशनल कहानी सामने आई है। जिसको जानकर हर कोई भावुक हो गया। यहां एक महिला पुलिस कांस्टेबल की लंबी बीमारी के चलते मौत हो गई। मृतका के बच्चे शव को करीब 20 दिन तक घर में रखे इस उम्मीद में बैठे रहे कि भगवान उनकी मां को वापस भेजेगा।
इस बीमारी से जिंदगी हार गई लेडी कांस्टेबल
दरअसल, यह मार्मिक खबर डिंडीगुल इलाके की है, जहां इंदिरा नाम की हेड कांस्टेबल महिला को पिछले सालों गुर्दों की बीमारी थी। उसने काफी इलाज भी काराया लेकिन, कोई फायदा नहीं हुआ। बढ़ती तकलीफ के चलते इंदिरा ने स्वैच्छिक रिटायरमेंट के लिए पुलिस विभाग में अनुरोध भी किया था, लेकिन विभाग ने कोई अनुमति नहीं दी थी, काफी दिनों से वह थाने भी नहीं आ रही थी।
मासूम अपनी मरी मां के पास 20 दिक बैठे रहे
काफी दिन हो जाने के बाद डिंडीगुल थाने ने एक महिला कांस्टेबल को इंदिरा का पता लगाने के लिए घर भेजा। जैसे ही वो अंदर गई तो उसे बदबू आई और इंदिरा के बच्चे मिले जो शव के पास बैठे हुए थे। जब कांस्टेबल लेडी ने उनसे मां के बारे में पूछा तो वह बोले कि मम्मी सो रही हैं उनको उठाना नहीं है। क्योंकि भगवान उनको नुकसान पहुंचा देंगे, इसके बाद कांस्टेबल को कुछ शक हुआ तो उन्होंने शव से कपड़ा उठाया तो वह कई दिन पहले मर चुकी थी। फिर सूचना मिलने पर पुलिस के अधिकारी मौके पर पहुंचे।
शव को नहीं छूते ताकि भगवान रक्षा नहीं करेंगे
पुलिस ने जांच की तो पता चला कि इंदिरा की 7 दिसंबर के दिन ही बेहोश हो चुकी थी। लेकिन बच्चे मां को अस्पताल पुजारी सुदर्शन की सलाह अस्पताल लेकर नहीं गए थे। पुजारी का कहना था कि अगर वह मां को अस्पताल लेकर जाएंगे तो भगवान इंदिरा की रक्षा नहीं करेंगे।
मां को जिंदा करने के लिए शव की करते रहे पूजा
पुजारी की सलाह पर बच्चे शव के पास बैठ 20 दिन तक पूजा और प्रार्थना करते रहे। ताकि इंदिरा की आत्मा वापस आ जाए। जब पुलिस ने शव को उठाया तो वह रोने लगे और बिलखते हुए बोले-मां को नहीं ले जाओ, वह सो रही हैं। पुलिस ने आरोपी पुजारी को हिरासत लेकर मामले की जांच शुरू कर दी है।