सार

जज ने कहा- जब ​​आप अपराध कर रहे हों, तब आपको पता होना चाहिए कि यह जेल कैसा होता है। इसपर याचिका लगाने वाले वकील अमित साहनी ने कोर्ट में कहा कि जेलों में सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखना संभव नहीं है, क्योंकि वहां पहले से ही क्षमता से अधिक कैदी बंद हैं।

दिल्ली. दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को 65 साल से अधिक उम्र और बीमार कैदियों की आपात पैरोल बढ़ाने की मांग को खारिज करते हुए दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने मामले की सुनवाई 26 मार्च तक के लिए टाल दी है। मामले की सुनवाई करते हुए जज ने कहा कि जब ​​आप अपराध कर रहे हों, तब आपको पता होना चाहिए कि यह जेल कैसा होता है। याचिका लगाने वाले वकील अमित साहनी ने कोर्ट में कहा कि जेलों में सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखना संभव नहीं है क्योंकि वहां पहले से ही क्षमता से अधिक कैदी बंद हैं।

हर बार कोविड का बहाना नहीं चलेगा: कोर्ट
साहनी ने कहा- मुझे पता चला है कि जेल के अधिकारी  कैदियों को सात फरवरी तक मंडोली जेल में आत्मसमर्पण करने को कह रहे हैं। इन्हें आपात पैरोल पर रिहा किया गया था। कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि हर बार कोविड का बहाना करके जमानत की अर्जी नहीं लगाई जा सकती है। हाईकोर्ट ने 65 साल से ऊपर के कैदियों की रिहाई को लेकर लगाई गई तीनों याचिकाओं पर तुरंत कोई भी अंतरिम राहत देने से मना कर दिया है।