सार
पूर्वाेत्तर में पार्टी के विस्तार का सपना देख रही टीएमसी को बड़ा झटका लगा है। बीते साल अक्तूबर में बीजेपी छोड़कर टीएमसी में आए पूर्व विधायक आशीष दास ने पार्टी छोड़ दी है। आशीष दास ने ममता की पार्टी पर नेताओं का सम्मान नहीं किए जाने का आरोप लगाया है।
अगरतला। त्रिपुरा में टीएमसी स्थापित होने के पहले ही बिखरना भी शुरू हो गई है। पार्टी के त्रिपुरा में विस्तार के दौरान सदस्यता लेने वाले पूर्व विधायक आशीष दास ने बॉय बोल दिया है। पूर्व विधायक आशीष दास शीर्ष नेतृत्व से नाराज थे। दरअसल, उनकी नाराजगी तब हुई जब टीएमसी ने त्रिपुरा स्टेट की कमान सुबल भौमिक को सौंप दी।
बीजेपी के विधायक थे आशीष दास
आशीष दास त्रिपुरा जिले के सूरमा विधानसभा से बीजेपी से विधायक रह चुके हैं। वह टीएमसी ज्वाइन किए थे लेकिन अब नाराज होकर इस्तीफा दे चुके हैं। हालांकि, आशीष दास ने कोई पार्टी ज्वाइन नहीं की है।
इस्तीफा देने के बाद लगाया उपेक्षा का आरोप
पूर्व विधायक आशीष दास ने टीएमसी से इस्तीफा देने के बाद कहा कि टीएमसी में अब सम्मान नहीं रह गया है। राज्य में पार्टी जब अपना विस्तार कर रही थी तो उन्होंने इसमें शामिल होने का फैसला किया था। लेकिन इसमें रह पाना मुश्किल हो रहा है। इसलिए इस्तीफा दे रहा हूं। आशीष दास ने टीएमसी नेतृत्व पर आरोप लगाया कि पार्टी में नेताओं को उचित सम्मान नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा, "मैं अपने आत्मसम्मान को नहीं छोड़ सकता। वे (पार्टी नेतृत्व) हमें इंसान भी नहीं मानते हैं। इसलिए मैंने तृणमूल छोड़ने का फैसला किया है।" उन्होंने दावा किया कि टीएमसी कांग्रेस को कमजोर करना और भाजपा को लाभ देना चाहती है।
दास नए प्रदेश अध्यक्ष से नाराज चल रहे
टीएमसी के सूत्रों ने कहा कि आशीष दास, भौमिक की पदोन्नति से नाखुश थे। उधर, टीएमसी अध्यख सुबल भौमिक ने दास पर निशाना साधते हुए कहा कि वह इतने महीनों में पार्टी के कार्यक्रमों में कहीं नहीं दिखे। दास का पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी द्वारा टीएमसी में स्वागत किया गया। हालांकि, वह उसके बाद किसी भी पार्टी कार्यक्रम में नहीं देखे गए।
अयोग्य हो गए थे दास
दिग्गज नेता ने पिछले साल अक्टूबर में टीएमसी में शामिल होने के लिए भाजपा छोड़ दी थी। विधानसभा अध्यक्ष रतन चक्रवर्ती ने जनवरी में उन्हें कथित कदाचार के आरोप में छह साल के लिए विधायक पद से अयोग्य घोषित कर दिया था। इस दौरान दास चुनाव नहीं लड़ सकेंगे।
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