सार

मेनिफेस्टो को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी जारी कर सकते हैं। बता दें कि विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने अब तक 70 में से 59 सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं जबकि 11 सीटों पर जल्द ही नाम का ऐलान हो सकता है।

देहरादून : उत्तराखंड विधानसभा चुनाव (Uttarakhand Chunav 2022) के लिए भारतीय जनता पार्टी (BJP) दो फरवरी को अपना मेनिफेस्टो जारी कर सकती है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मेनिफेस्टो को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) जारी कर सकते हैं। बता दें कि विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने अब तक 70 में से 59 सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं जबकि 11 सीटों पर जल्द ही नाम का ऐलान हो सकता है।

क्या मिथक तोड़ पाएंगे धामी ?
उत्तराखंड की राजनीति को लेकर कई मिथक भी हैं। यहां राज्य गठन के बाद कोई भी मुख्यमंत्री दोबारा सरकार नहीं बना पाया है। वर्तमान सीएम पुष्कर सिंह धामी पर इस मिथक को तोड़ने का दबाव रहेगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को खटीमा विधानसभा क्षेत्र से एक बार फिर कांग्रेस के कार्यवाहक अध्यक्ष भुवन चंद्र कापड़ी (Bhuvan Chandra Kapri) के खिलाफ मैदान में उतारा गया है। बता दें, कि पिछले यानी 2017 के विधानसभा चुनाव में धामी ने कापड़ी को करीब 2,709 मतों के नजदीकी अंतर से हराया था।

मिथक तोड़ने बीजेपी का मेगा प्लान
वहीं इस मिथक को तोड़ने और जीत हासिल करने बीजेपी अपने चुनावी प्लान को फाइनल टच दे दिया है। पार्टी का टारगेट है कि फिर से उत्तराखंड में चुनाव जीता जाए और वो मिथक भी तोड़ा जाए, जो उत्तराखंड की राजनीति में अब तक बना हुआ है। उत्तराखंड में हर पांच साल में सरकार बदलने का ट्रेंड है, बीजेपी इस बार इस ट्रेंड को बदलने के लिए चुनावी अभियान तेज करने जा रही है। भाजपा सूत्रों की मानें तो विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी ने उत्तराखंड के हर बूथ पर 10 बैठकें आयोजित करने की योजना बनाई है। इन बैठकों में पार्टी की प्रोग्रेस पर चर्चा होगी। पार्टी ने प्रत्येक बूथ पर 10 बैठक का लक्ष्य रखा है, ताकि चुनाव की तारीख तक हर बूथ को तैयार किया जा सके और उस बूथ के मतदाताओं के साथ उचित समन्वय किया जा सके।

बूथ अध्यक्ष और पन्ना प्रमुख से समन्वय बनाने के निर्देश
उत्तराखंड में 70 विधानसभा हैं और उनमें 10 हजार से ज्यादा बूथ हैं। राज्य में बीजेपी उम्मीदवारों को बूथ अध्यक्ष और 'पन्ना प्रमुख' के साथ समन्वय बनाकर काम करने के लिए कहा गया है। पन्ना प्रमुख यानी मतदाता सूची के एक पेज का प्रभारी व्यक्ति भाजपा के चुनाव प्रबंधन तंत्र में मतदाताओं के लिए संपर्क का पहला बिंदु है। उम्मीदवारों को राज्य और केंद्र की योजनाओं का लाभ आम लोगों तक पहुंचाने को भी कहा गया है।

प्रत्येक विधानसभा में एक आईटी विशेषज्ञ, ताकि वर्चुअल सभा हो
पार्टी ने अब तक 59 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की है, जबकि 11 नामों की घोषणा की जानी बाकी है। पार्टी ने पहले ही COVID-19 प्रतिबंधों के बीच वर्चुअल रैलियां आयोजित करने की तैयारी कर ली है, जिसके तहत पार्टी ने प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में एक आईटी विशेषज्ञ को तैनात करने की योजना बनाई है। बीजेपी नेताओं का कहना है कि राज्य में फिर से सत्ता में लौटना है, इसलिए चुनावी अभियान में तेजी ला रहे हैं और ज्यादा से ज्यादा वोटरों तक पहुंचने की कोशिश करेंगे।

उत्तराखंड में 14 फरवरी को वोटिंग
बता दें कि उत्तराखंड की 70 विधानसभा सीटों के लिए 14 फरवरी को वोटिंग होगी और 10 मार्च को नतीजे घोषित किए जाएंगे। इस समय उत्तराखंड में भाजपा की सरकार है। पिछले चुनाव में भाजपा ने 57 सीटें जीती थीं और 47 प्रतिशत वोट पाए थे। जबकि कांग्रेस ने 11 सीटें जीती और 33.8 प्रतिशत वोट पाए थे। निर्दलीय 2 विधायक बने थे और इन्हें 10 प्रतिशत वोट मिले थे।

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