सार
हरक सिंह रावत ने इस दौरान भाजपा पर जमकर हमला बोला है। उन्होंने कहा-मुझे मंत्री बनने में ज्यादा दिलचस्पी नहीं है, मैं सिर्फ काम करना चाहता था। मैं इतने दिनों से घुटन में जी रहा था। अब उत्तराखंड के लोगों के लिए खुलकर काम करूंगा। एक दरवाजा बंद हुआ है तो कई दरवाजे खुले हैं।
देहरादून : उत्तराखंड विधानसभा चुनाव (Uttarakhand Election 2022 ) से ठीक पहले बीजेपी (BJP) से निकाले गए पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ( Harak Singh Rawat) आज कांग्रेस का हाथ थामेंगे। उनके साथ उनकी बहू अनुकृति भी कांग्रेस (congress) में शामिल होंगी। रावत अपनी बहू के साथ दिल्ली में दोपहर 12 बजे पार्टी के बड़े नेताओं की मौजूदगी में कांग्रेस ज्वॉइन करेंग।
इस सीट से लड़ सकते हैं चुनाव
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कांग्रेस में शामिल होने के बाद डॉ. हरक सिंह रावत डोईवाला से चुनाव लड़ सकते हैं। जबकि पहले से तैयारी कर रहे और पिछली बार कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े पूर्व मंत्री हीरा सिंह बिष्ट को रायपुर सीट पर शिफ्ट किया जाएगा। वहीं उनकी बहू अनुकृति गुसाई रावत को लैंसडौन से पार्टी के टिकट पर उतारा जा सकता सकता है। हालांकि इस पर अभी कांग्रेस पार्टी की ओर से कोई पुष्टि नहीं की गई है।
बीजेपी पर साधा निशाना
इससे पहले हरक सिंह रावत लगातार बीजेपी को निशाने पर ले रहे हैं। सोमवार को मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा-मैंने अमित शाह से वादा किया था कि मैं कभी भी पार्टी नहीं छोड़ूंगा, लेकिन अब इन्होंने मुझे बिना कराण के ही बाहर निकाल दिया है। हो सकता है कि शायद केदार बाबा कुछ अच्छा करवाना चाहते हैं, इसलिए इतना बड़ा फैसला लिया है। मुझे लगता है कि यह बीजेपी की विनाश काले विपरीत बुद्धि है।
मैं इतने दिनों से घुटन में जी रहा था...
हरक सिंह रावत ने इस दौरान भाजपा पर जमकर हमला बोला है। उन्होंने कहा-मुझे मंत्री बनने में ज्यादा दिलचस्पी नहीं है, मैं सिर्फ काम करना चाहता था। मैं इतने दिनों से घुटन में जी रहा था। अब उत्तराखंड के लोगों के लिए खुलकर काम करूंगा। एक दरवाजा बंद हुआ है तो कई दरवाजे खुले हैं। साथ ही साथ यह भी साफ किया कि वह कांग्रेस में शामिल होंगे, और अगर नहीं भी हुए तो भी कांग्रेस के लिए ही काम करेंगे।
कुछ दिन पहले कैबिनेट मीटिंग में दिया था इस्तीफा
बता दें कि दिसंबर 2021 के अंतिम सप्ताह में हरक सिंह रावत ने कोटद्वार में मेडिकल कॉलेज बनाए जाने के मामले को लेकर मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। हरक सिंह ने मीडिया से कहा था कि मुझे पार्टी के अंदर भिखारी जैसा बना दिया गया था। मैं अपने क्षेत्र के लिए 5 साल से मेडिकल कॉलेज की मांग कर रहा था। ऐसे में अब इनके साथ काम नहीं कर सकता। इसके बाद पार्टी नेतृत्व ने काफी कोशिश के बाद उन्हें मना लिया था।
बीजेपी ने क्यों दिखाया बाहर का रास्ता
हरक सिंह को निकाले जाने की वजह चुनाव में सीटों की मांग बताई जा रही है। कहा जा रहा है कि हरक सिंह ने विधानसभा की तीन टिकट की मांग की थी। उन्होंने एक टिकट अपने लिए और दो अपने रिश्तेदारों के लिए मांगे थे। पार्टी हरक सिंह को टिकट देने को तैयार थी, लेकिन उनके रिश्तेदारों को नहीं। दिल्ली में उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के लिए टिकट तय करने के लिए पार्टी की उच्चस्तरीय बैठक चल रही थी। हरक सिंह रावत इस बैठक में शामिल नहीं हुए थे।
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