सार
मनोनीत मुख्यमंत्री भगवंत मान एकशन में आ गए हैं। उन्होंने आज ही राज्यपाल से मिले और इसके बाद बड़ा फैसला करते हुए पंजाब के 122 पूर्व मंत्रियों, एमएलए व अलग अलग नेताओं को मिली मिली पुलिस सुरक्षा एक झटके में वापस ले ली।
चंडीगढ़. पंजाब में प्रचंड बहुमत के बाद आम आदमी पार्टी के मनोनीत मुख्यमंत्री भगवंत मान (bhagwant mann) एकशन में आ गए हैं। उन्होंने आज ही राज्यपाल से मिले और इसके बाद बड़ा फैसला करते हुए पंजाब के 122 पूर्व मंत्रियों, एमएलए व अलग अलग नेताओं को मिली मिली पुलिस सुरक्षा एक झटके में वापस ले ली। इस संबंध में सरकार की ओर से पत्र जारी कर दिया गया है। आप क्योंकि वीआईपी कल्चर के खिलाफ है। पुलिस सुरक्षा लेकर यह नेता खुदको आम जनता के बीच खास दिखा रहे थे। इसलिए यह सुरक्षा वापस ली गई है।
इस वजह से लिया गया यह फैसला
एडिशनल चीफ सेक्रेटरी की ओर से डीजीपी को इस संबंध में पत्र लिखा गया है। आप के एक सीनियन नेता ने बताया कि क्योंकि इन नेताओं को ऐसा कोई खतरा नहीं है, जिससे इन्हें पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था दी जाए। दूसरी ओर इन पर खर्च हो रहा है। पुलिस की पहले ही कमी है। इसलिए सुरक्षा व्यवस्था को हटाने का निर्णय लिया गया है।
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'जनता के बीच में वीआईपी दिखाने में लगा रखी है सुरक्षा'
उन्होंने यह भी बताया कि अभी दूसरे नेताओं की सुरक्षा की भी समीक्षा की जाए। यदि जरूरत हुई तो उसे भी वापस ले लिया जाएगा। क्योंकि देखने में यह आ रहा हैकि वह लोग भी सुरक्षा लिए बैठे हैं, जिन्हें इसकी जरूरत ही नहीं है। पर क्योंकि उन्हें जनता के बीच में अपने को वीआईपी दिखाना है, इसलिए सुरक्षा में चलना पसंद करते हैं। हां यदि किसी को वास्तव में सुरक्षा की जरूरत होगी, उन्हें सुरक्षा दी भी जाएगी।
मान सरकार के फैसले से अफसरों में मची खलबली
जिस तरह से मान सरकार काम कर रही है, इससे अफसरों में खलबली मची हुई है। क्योंकि जिस तरह से आम आदमी पार्टी को जन समर्थन मिला है, अब पार्टी की कोशिश है लोगों की उम्मीद पर खरा उतरा जाए। इसके लिए पार्टी तेजी से काम करेगी। पंजाब की ब्यूरोक्रेसी क्योंकि एक ढर्रे पर काम कर रही थी। अब उन्हें भी काम का अपना तरीका बदलना होगा। इस वजह से ब्यूरोक्रेसी नए हालात के लिए खुद को तैयार कर रही है।