सार
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले बड़े नेताओं के इस्तीफे ने भारतीय जनता पार्टी को अलर्ट कर दिया है। इसलिए उत्तराखंड में टिकट घोषणा के बाद संभावित बगावत को रोकने के लिए पार्टी ने अपने सभी सात सांसदों के नेतृत्व में टीमों का गठन करने का फैसला किया है।
देहरादून। उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले बड़े नेताओं के इस्तीफे ने भारतीय जनता पार्टी को अलर्ट कर दिया है। इसलिए उत्तराखंड में टिकट घोषणा के बाद संभावित बगावत को रोकने के लिए पार्टी ने अपने सभी सात सांसदों के नेतृत्व में टीमों का गठन करने का फैसला किया है। ये टीमें बगावत की स्थिति में नेताओं से बात करेंगी और पार्टी में एकता बनाए रखने की कोशिश में रहेंगी। माना जा रहा है कि शीर्ष नेतृत्व रविवार या सोमवार को उम्मीदवारों की सूची की घोषणा कर सकता है।
पार्टी सूत्रों ने बताया कि टिकटों के बंटवारे के बाद भारतीय जनता पार्टी ने संभावित बगावत और डैमेज कंट्रोल को कम करने के लिए अपने सभी सात सांसदों के नेतृत्व में टीमें बनाने का फैसला किया है। सूत्रों ने कहा कि इन टीमों को टिकटों की घोषणा से पहले ही सक्रिय कर दिया जाएगा। इससे पहले शनिवार को देहरादून में हुई कोर ग्रुप की बैठक में पार्टी के दिग्गजों ने टिकट बंटवारे के बाद पैदा हुए हालात पर भी गहन विचार-विमर्श किया। रविवार को केंद्रीय संसदीय बोर्ड की बैठक में कोर ग्रुप से भेजे गए नामों पर चर्चा की जाएगी और अंतिम मुहर लगाई जाएगी।
बगावत की स्थिति में नेताओं को मनाएंगी सांसदों की टीमें
भाजपा की कोर कमेटी के एक सदस्य ने नाम ना छापने की शर्त पर कहा कि कई मौजूदा विधायकों के साथ-साथ कुछ दावेदार टिकट ना मिलने पर बगावती रवैया अपना सकते हैं। पार्टी को ये भी डर है कि अगर बागी चुनाव लड़ेंगे तो अधिकृत उम्मीदवारों की मुश्किलें बढ़ जाएंगी और भाजपा के ही वोट बैंका बड़ा नुकसान होगा। ऐसे में सांसदों के नेतृत्व वाली टीमें ऐसे नेताओं के साथ समन्वय स्थापित करेंगी।
सीएम धामी खटीमा से चुनाव लड़ेंगे
बता दें कि इससे पहले शनिवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ऐलान किया था कि वह राज्य में आगामी विधानसभा चुनाव खटीमा निर्वाचन क्षेत्र से लड़ेंगे। धामनी यहां से तीन बार विधायक चुने गए हैं। ये सीट ऊधमसिंह नगर में आती है। सीएम ने ये भी कहा था कि प्रदेश की सभी 70 सीटों के उम्मीदवारों को लेकर अंतिम रूप दिया जा रहा है। जल्द ही उम्मीदवारों की पहली सूची की घोषणा की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा था कि उन्होंने 'अबकी बार 60 पार' के नारे के जरिए विधानसभा की 70 में से 60 से ज्यादा सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने कहा, 'इस बार हमने 'अबकी बार 60 पार' का नारा दिया है।
उत्तराखंड में 14 फरवरी को मतदान
सूत्रों ने कहा कि भाजपा नेताओं का कहना है कि चुनाव में जीत का भरोसा है। डिजिटल प्रचार और घर-घर जाकर प्रचार करने से उन्हें फायदा होगा। जमीन पर मौजूद हमारे कार्यकर्ता मजबूत हैं और लोगों से बातचीत करने में सक्षम हैं। 70 सदस्यीय राज्य विधानसभा के चुनाव के लिए मतदान 14 फरवरी को होना है। मतगणना 10 मार्च को होगी।