सार
पंजाब में विधानसभा चुनाव के लिए सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस पूरी तरह तैयार हो गई है। पार्टी ने शनिवार को पहली सूची में 86 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी है। इसमें लगभग सभी विधायकों और सभी मंत्रियों को टिकट दिया गया है।
चंडीगढ़। पंजाब में विधानसभा चुनाव के लिए सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस पूरी तरह तैयार हो गई है। पार्टी ने शनिवार को पहली सूची में 86 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी है। इसमें लगभग सभी विधायकों और सभी मंत्रियों को टिकट दिया गया है। फिर भी कांग्रेस के 12 मौजूदा विधायक ऐसे हैं, जिनके टिकट का ऐलान अभी तक नहीं किया गया है। ऐसे में अब सवाल उठ रहा है कि क्या कांग्रेस इन्हें टिकट देगी या नहीं। सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हुई हैं। क्योंकि जिस तरह से पंजाब में टिकट वितरण को लेकर कांग्रेस आलाकमान ज्यादा प्रयोग की स्थिति में नहीं है, इससे उम्मीद तो यह है कि इन्हें भी टिकट मिल जाएगा। लेकिन, 12 विधायकों को चिंता इस बात की है- यदि उन्हें टिकट दिया ही जाना है तो फिर पहली लिस्ट में नाम क्यों नहीं दिया गया?
लुधियाना जिले की गिल विधानसभा क्षेत्र से कुलदीप वैद, फाजिल्का से दविंदर घुबाया, जलालाबाद से रमिंदर आवला, जोगिंदर पाल, सतराना पातड़ा से निर्मल सिंह, समराला से अमरीक सिंह, नवांशहर से अंगद सिंह, तरसेम सिंह डीसी, खेमकरण से सुखपाल सिंह भुल्लर, खदुर साहिब से रमनजीत सिंह सिक्की, फिरोजपुर ग्रामीण से सतकार कौर और अमरगढ़ से सुरजीत धीमान को अपने टिकट का इंतजार है। नवांशहर के विधायक अंगद सिंह की पत्नी अदिति सिंह यूपी में कांग्रेस की विधायक थीं, जो हाल ही में भाजपा में शामिल हा गई हैं।
जोड़-तोड़ में जुटे पहली लिस्ट से बाहर रहे विधायक
कहा जा रहा है कि उम्मीदवारों की पहली सूची में जिन विधायकों के नाम नहीं आए हैं, वे अपने आकाओं के जरिए टिकट की जुगाड़ में लगे हुए हैं। कांग्रेस के एक विधायक ने बताया कि समझ में नहीं आ रहा कि टिकट में इतनी देरी क्यों की जा रही है। उन्होंने बताया कि तय नहीं कर पा रहे कि चुनाव प्रचार शुरू किया जाए या नहीं। इनका यह भी कहना है कि इस बाबत उन्हें ना तो प्रदेश स्तर पर और ना पार्टी हाईकमान से कोई जानकारी दी जा रही है।
अभी 31 सीटों पर घोषित होने हैं उम्मीदवार
कांग्रेस ने कुल 117 में से 86 सीटों की सूची जारी की है। अभी 31 सीटों की सूची जारी होने का इंतजार किया जा रहा है। पहली सूची फाइनल करने में कांग्रेस ने खासी मेहतन की है। यहां तक कि कई बार टिकटों पर विवाद भी हुआ। आखिर में सर्वसम्मति से 86 नाम तो फाइनल हो गए हैं। टिकट फाइनल होने के बाद कुछ जगह बगावत भी हो रही है। मसलन, जालंधर कांग्रेस के उम्मीदवार के खिलाफ बगावत शुरू हो गई। विधायक राजिंदर बेरी के खिलाफ मेयर जगदीश राजा और उसके साथियों ने पार्टी आलाकमान को पत्र लिख कर टिकट बदलने की मांग की है। हालांकि पार्टी के एक नेता ने बताया जिसे टिकट मिल गया, उसका टिकट कटना बेहद मुश्किल है।
14 फरवरी को मतदान, 10 मार्च को नतीजे
चुनाव आयोग ने 22 जनवरी तक रैली या भीड़ जुटाने पर रोक लगा रखी है। प्रदेश में आचार संहिता भी लागू है। पंजाब में 14 फरवरी को मतदान होगा। वोटों की गिनती 10 मार्च को होगी। 2017 के पंजाब विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत मिला था। पार्टी को 77 सीटों पर जीत मिली थी। 20 सीट जीतकर आम आदमी पार्टी दूसरे नंबर की पार्टी बनी थी। वहीं, शिरोमणि अकाली दल को सिर्फ 15 और बीजेपी को तीन सीट पर जीत मिली थी। पंजाब में विधानसभा के 117 सीटें हैं।