सार
राजस्थान के पुलिस से रिटायर्ड इंस्पेक्टर और उनकी समधन का शव रात में मिला था, शनिवार को समधी का शव भी बरामद। अभी भी परिवार की एक सदस्या लापता। रेस्क्यू मिशन के दौरान सभी के साथ की जा रही उनकी भी खोज।
जयपुर ( jaipur). अमरनाथ त्रासदी (Amarnath yatra cloud bust tragedy) में मरने वालों की संख्या 16 हो चुकी है। इनमें राजस्थान के तीन लोग शामिल हैं। शुक्रवार 8 जुलाई की रात तक पंद्रह शव मिल चुके थे, और शनिवार 9 जुलाई के सवेरे एक और शव बरामद कर लिया गया है। मलबे में दबे हुए शव की पहचान उनके परिजनों की ओर से कर ली गई है। यह शव भी उसी परिवार के सदस्य का है, जिस परिवार के मेंबर ग्रुप के दो लोग जान गवां चुके हैं। अभी भी परिवार की सदस्या लापता है, उन समेत सैंकड़ों अन्य की तलाश के लिए सर्च ऑपरेशन जारी हैं। सेना के आधुनिक हैलीकॉप्टर भी रेस्क्यू में जुट गए हैं। स्नीफर डॉग्स की भी पूरी टीम उनके साथ है।
चार महीने पहले शादी की थी बेटी की सुशील ने, दामाद भी साथ थे
रिटायर इंस्पेक्टर सुशील खत्री और उनकी समधन सुनीता का शव बीती रात बरामद कर लिया गया था। सुशील ने अपनी बेटी की शादी चार महीने पहले ही गंगानगर में कपड़ा कारोबारी मोहनलाल वाधवा के परिवार में की थी। यह पहले ही तय हो गया था कि रिटायरमेंट के तुंरत बाद सभी लोग अमरनाथ जाएंगें। चार जुलाई को अमरनाथ यात्रा के लिए सुशील, उनकी पत्नी, बेटी, दामाद, समधन और समधी समेत समधन की बहन के साथ रवाना हुए थे। शुक्रवार को वहां हुई त्रासदी में अब तक सुशील, उनकी समधन और समधी जान गंवा चुके हैं। गंगानगर में इन सूचनाओं के बाद मातम मचा हुआ है। परिवार के सदस्यों का कहना है कि रिटायरमेंट की पार्टी करने वाले थे सुशील, कह रहे थे कि अब तो अमरनाथ यात्रा हो आएं उसके बाद ही बड़ा आयोजन करेंगे। लेकिन सारी खुशियों एक त्रासदी ने नष्ट कर दीं।
आपको बता दे कि शुक्रवार 8 जुलाई को अमरनाथ यात्रा के दौरान अचानक से बादल फट पड़े जिससे यह त्रासदी हुई है। इस हादसे में कई टेंट बह गए, और कई लोग लापता हो गए। जिनकी तलाश लगातार जारी है। इसी हादसे में राजस्थान का ये परिवार भी चपेट में आ गया, जिसमें परिवार के तीन लोगों की मौत हो चुकी है।
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