सार
भीलवाड़ा की एडीजे कोर्ट ने साल 2015 में एक दंपती और उसके चार मासूम बच्चों की बेरहमी से हत्या मामले में दो आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई है। दोनों आरोपियों का अपराध किसी भी हाल में दया करने के लायक नहीं।
भीलवाड़ा (राजस्थान). 2015 में भीलवाड़ा में एक दंपत्ति और 4 बच्चों की हत्या के मामले में भीलवाड़ा की एडीजे कोर्ट ने दो आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई है। घटना में शामिल एक आरोपी ने अपने पिता के किसी दूसरी महिला के साथ संबंधों के चलते 7 साल पहले अपने दोस्त के साथ घटना को अंजाम दिया था। मामले में अब 7 साल बाद कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि दोनों आरोपी दया करने के लायक नहीं है।
चौराहे पर मासूम बच्चों के कटे हुए शव मिले थे
दरअसल, 28 जुलाई 2015 को भीलवाड़ा की मांडल थाना पुलिस ने एक घर से युवक यूनुस और उसकी पत्नी चांद तारा का शव बरामद किया था। घर से कुछ दूरी पर ही एक चौराहे पर दंपत्ति के चार बच्चे अशरफ,गुड़िया, आशीदा और सकीना के गर्दन कटे हुए सब मिले थे। मामले में कुछ दिनों बाद ही इसे दरिंदगी भरे हत्याकांड के लिए पुलिस ने दो आरोपी शराफत खान और राजेश खटीक को गिरफ्तार कर लिया था। जिसके बाद मामला कोर्ट में चला और 7 सालों में 41 गवाह है और 153 दस्तावेजी साक्ष्य फ्रेश होने के बाद कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि दोनों आरोपी किसी भी हाल में दया करने के लायक नहीं है।
एक-एक कर 4 बच्चों की काट दी थी गर्दन
आरोपी शराफत से पुलिस पूछताछ में सामने आया कि उसके पिता सलीम का मृतका चांद तारा से अवैध संबंध था। जिसको लेकर वह काफी नाराज था लेकिन अपने पिता का तो कुछ नहीं कर पाया इसके बाद उसने चांदतारा के परिवार को ही खत्म करने का फैसला लिया। दंपत्ति को मारने के बाद दोनों आरोपियों शराफत और राजेश ने एक-एक कर उनके चारों बच्चों की गर्दन काट दी और एक पानी से भरे गड्ढे में फेंक दिया। घटना के बाद दोनों आरोपी फरार हो गए थे लेकिन पुलिस ने उन्हें चांद तारा के पति की कॉलर पर लगे एक टेलर के स्टीकर के आधार पर पकड़ लिया था।
पहले भी हो चुकी हैं ऐसी खौफनाक वारदातें
राजस्थान में अवैध संबंधों के चलते हुई हत्या का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी जोधपुर और बीकानेर समेत कई जिलों में प्रेमी अपनी ही प्रेमिका और उसके दोस्तों की हत्या कर चुके हैं। अधिकतर मामलों में पुलिस आरोपियों को पकड़ भी चुकी है। लेकिन कई सालों से मामले कोर्ट में ही अधरझूल में चले आ रहे हैं।