सार
राजस्थान के हनुमानगढ़ में बड़ा हादसा हो गया। यहां 1750 साल पुराने किले की दीवार के निर्माण के दौरान वह अचानक गिर गई। जिसके नीचे कई मजदूर दब गए। बताया जा रहा है कि एक की मौत भी हो गई है। जबकि कई को सीरियस हालत में अस्पताल ले जाया गया है।
हनुमानगढ़. राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले से बड़ी खबर सामने आई है। दरअसल जिले में स्थित करीब 1750 साल पुराने किले की दीवार गिरने का मामला सामने आया है। दीवार गिरने से सात से आठ मजदूर उसके नीचे दब गए। जब तक मलबा हटाया गया , तब तक एक मजदूर की मौत हो चुकी थी। पांच की हालत बेहद गंभीर बनी हुई है। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हादसे के बाद कोहराम मचा हुआ है। जिले के पुलिस और प्रशासनिक अफसर मौके पर हैं। फिलहाल किला खाली करा दिया गया है और किले का बड़ा हिस्सा सील कर दिया गया है।
पुरानी दीवार को तोड़कर नई दीवार बनाई जा रही थी
हनुमानगढ़ में स्थित यह किला है भटनेर दुर्ग, जो टाउन क्षेत्र में स्थित है। मिली जानकारी के अनुसार कुछ समय पहले ही किले के जीर्ण हिस्से को सही करने और कुछ नया निर्माण करने के लिए करोड़ों रुपयों का बजट पारित कर दिया गया था। उसके बाद प्लानिंग की गई और अब प्लानिंग के बाद कुछ सप्ताह से किले में निर्माण और मरम्मत चल रही थीं। आज सवेरे किले में स्थित अति प्राचीन बालाजी के मंदिर के पास पुरानी हो चुकी दीवार को तोड़कर नई दीवार बनाने की तैयारी की जा रही थी। दीवार तोड़ने के दौरान दीवार का एक बड़ा हिस्सा नीचे गिर गया। नीचे सात से आठ मजदूर काम कर रहे थे। सभी उसके नीचे दब गए।
अस्पताल पहुंचते ही एक मजदूर की मौत
वहां मौजूद अन्य लोगों ने और किले में तैनात कार्मिकों ने तुरंत पुलिस और 108 एंबुलेस को कॉल किया। एंबुलेंस के जरिए घायलों को अस्पताल ले जाया गया लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहले राजेन्द्र नाम के मजदूर की मौत हो चुकी थी। इस घटना के बाद किले में काम को रोक दिया गया है और बड़े हिस्से को सील कर दिया गया है। फिलहाल पांच अन्य घायल मजदूरों का इलाज जारी है। दो मजदूरों को प्राथमिक उपचार के बाद अवकाश दे दिया गया है। निर्माण के दौरान हुए इस हादसे पर जांच बिठाई जा रही है।
राजस्थान के भाटी राजा ने कराया था किले का निर्माण
बताया जाता है कि किले का निर्माण करीब 1760 पूर्व कराया गया था। राजस्थान के जैसलमेर से राजा भूपत सिंह भाटी ने हनुमानगढ़ के साथ ही पंजाब और हरियाणा में भी किले बनवाए थें। भाटी राजा होने के कारण किले को भटनेर दुर्ग कहा गया। यह वर्तमान में राजस्थान पुरातत्व विभाग के अधीन है। बताया जा रहा है कि किले में निर्माण के दौरान बजट घोटाला भी हुआ था और इसकी जांच सीबीआई को भी दी गई थी।