सार
राजस्थान में खतरे के निशान से 15 मीटर ऊपर बह रही चंबल नदी। हालात ये हो गए है कि राज्य में इतना पानी आ गया है कि इससे वहां का पिछले 26 सालों का रिकार्ड टूट गया है। बाढ़ के कारण 80 गांव खाली कराए गए। पानी बढ़नें के बाद घरों में मगरमच्छ घुसने का खतरा बढ़ा।
धौलपुर. मध्यप्रदेश और राजस्थान में हो रही लगातार बारिश के कारण करौली और धौलपुर से होकर बहने वाली चंबल नदी उफान पर है । चंबल नदी में 26 साल के बाद इतना पानी आया है कि नदी खतरे के निशान से 15 मीटर ऊपर बह रही है। 26 साल में यह पहली बार है कि चंबल के आसपास के 80 से ज्यादा गांवों को खाली कराया गया है। धौलपुर में गांव को खाली कराने का काम कल शाम से शुरू किया गया है और लगातार हूटर बजाकर ग्रामीणों को सुरक्षित स्थान पर जाने के लिए कहा जा रहा है।
सेना और NDRF ने अभी तक 8 हजार लोगों को बचाया
चंबल से गांव में पानी भरने के कारण कल से अब तक सेना और एनडीआरएफ की टीम ने 8000 से ज्यादा लोगों को बचाया है और उन्हें सुरक्षित स्थान पर लेकर जाया गया है। धौलपुर से होकर गुजरने वाली चंबल नदी पर खतरे का निशान 131 मीटर पर लगा हुआ है । 131 मीटर के बाद नदी के ऊपर बने पुल से आवागमन बंद कर दिया जाता है। लेकिन कल दोपहर तक चंबल 135 मीटर पर बह रही थी और आज दोपहर तक ही है 146 मीटर तक पहुंच चुकी है। ग्रामीणों का कहना है कि यह 150 मीटर तक जा सकती है।
एम पी की बारिश के कारण बढ़ा लेवल
एमपी में हुई लगातार बारिश के कारण चंबल का बहाव तेजी पर है। सहायक नदियों से पानी आने के अलावा चंबल नदी में कोटा बैराज से छोड़ा गया पानी भी आकर मिलता है। ग्रामीणों का कहना है कि 1996 में चंबल करीब 144 मीटर के ऊपर बही थी । यह अब 145 के ऊपर जा चुकी है।
बाढ़ के कारण ही आसपास के सौ से ज्यादा गांवों की बिजली बंद कर दी गई है। लगातार हूटर बजाए जा रहे हैं और लोगों को अलर्ट किया जा रहा है। पानी के घुसने के अलावा दूसरा सबसे बड़ा खतरा चंबल के मगरमच्छओं का है पानी बढ़ने के कारण वे भी किनारे के आसपास देखे जा रहे हैं।