सार
यह है दमी कोहली। यह पाकिस्तान के सिंध प्रांत में रहती थीं। वहां धार्मिक प्रताड़ना के चलते उन्हें परिवार के साथ भागकर भारत में शरण लेनी पड़ी। यहां योग्यता प्रमाण पत्र न होने पर उसे 12वीं के एग्जाम में बैठने से रोका जा रहा था।
जोधपुर, राजस्थान. पाकिस्तान में धार्मिक प्रताड़ना से परेशान होकर भारत में शरण लेनी वाली दमी कोहली ने राजस्थान सरकार को झुकने पर विवश कर दिया। दरअसल, उसे यहां 12वीं के एग्जाम में बैठने से रोका जा रहा था। शिक्षा विभाग ने उससे योग्यता प्रमाण पत्र मांगा था। यह दमी के लिए संभव नहीं था, क्योंकि उसने 10वीं की पढ़ाई पाकिस्तान में की थी। अपनी पढ़ाई में बाधा आते देखकर दमी भावुक हो उठी और उसने सरकार से अपील की। मामला तूल पकड़ते देख शिक्षा मंत्री ने दमी के लिए नियमों में बदलाव किए जाने का ऐलान किया है।
पढ़-लिखकर कुछ बनना चाहती है दमी..
दमी पाकिस्तान के सिंध प्रांत में रहती थी। धार्मिक प्रताड़ना के कारण उसे परिवार सहित भागकर भारत आना पड़ा। दमी का परिवार जोधपुर से सटे आंगनवा रिफ्यूजी कैंप में रहता है। यही पास के एक स्कूल में दमी ने 11वीं एडमिशन लिया था। अब जबकि वो 12वीं का एग्जाम देना चाहती है, तो राजस्थान शिक्षा बोर्ड ने उसे फॉर्म भरने से रोक दिया। विवाद बढ़ने पर शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि दमी अपनी पढ़ाई पूरी करेगी। उसे एग्जाम में बैठने की अनुमति दी जाएगी। इसके लिए स्कूल शिक्षा विभाग अपने नियमों में बदलाव करेगा। शिक्षा मंत्री ने पाकिस्तानी दूतावास को एक पत्र लिखकर लड़की के सिलेबस की जानकारी मांगी है। ताकि दोनों सिलेबस को मिलाकर देखा जा सके। शिक्षा मंत्री ने कहा कि अगर पाकिस्तान की ओर से कोई जवाब नहीं भी आता है, तो यहां नियम बदलकर दमी को एग्जाम में बैठने की अनुमति दी जाएगी।
दमी ने कहा कि उसके पास 11वीं पास करने की मार्कशीट भी है। अब जबकि 12वीं के एग्जाम में सिर्फ महीनेभर बचे हैं, ऐसे में उसे नोटिस देकर उससे योग्यता प्रमाण पत्र मांगा गया है।