सार
लाडली आने की यह खुशियां कुचेरा क्षेत्र के निम्बड़ी चांदावतां गांव में मन रही हैं। यहां के रहने वाले मदनलाल ने मंगलवार को जिला प्रशसान से पोती को हेलीकॉप्टर से गृह प्रवेश लाने के लिए अनुमति मांगी है। वह 21 अप्रेल को पोती को घर लेकर आएंगे।
नागौर (राजस्थान). अब भी समाज में ऐसे कई लोग हैं जो बेटा-बेटी में भेद करते हैं, ऐसे लोग बालिकओं के जन्म को अभिशाप मानते हैं। इसी बीच राजस्थान के नागौर से एक दिल को छू देने वाली खबर सामने आई है। जो हर किसी के लिए गर्व महसूस कराती है, वहीं अंतर समझने वालों के लिए सीख देती है। यहां एक परिवार में 35 साल बाद एक बेटी का जन्म हुआ है। बच्ची के दादा इतने खुश हैं कि वह अपनी पोती को हेलीकॉप्टर से घर लेकर आएंगे।
हेलीकॉप्टर से होगा कन्या का गृह प्रवेश
दरअसल, लाडली आने की यह खुशियां कुचेरा क्षेत्र के निम्बड़ी चांदावतां गांव में मन रही हैं। यहां के रहने वाले मदनलाल ने मंगलवार को जिला प्रशसान से पोती को हेलीकॉप्टर से गृह प्रवेश लाने के लिए अनुमति मांगी है। वह 21 अप्रेल को पोती को घर लेकर आएंगे।
बेटी की किलकारी के लिए तरस रहा था परिवार
मदलनलाल ने बताया कि वह इस दिन के लिए कई सालों से इंतजार कर रहे थे। आखिरकार 35 साल बाद मेरे बेटे पुनाराम की पत्नी ने एक स्वस्थय कन्या को जन्म दिया है। इससे पहले मेरी बेटी तीजा ने मेरे घर जन्म लिया था। तब से लेकर अब तक मैं लड़की की किलकारी सुनने के लिए तरस गया था।
दुर्गा नवमी के दिन घर आएगी बेटी
बच्ची का जन्म 2 फरवरी को हुआ है, तभी से लेकर वह अपने नाना के घर पर है। नवरात्रि के नौवे दिन यानि दुर्गा नवमी के दिन लाडली को ननिहाल से घर लाया जाएगा। वहीं परिवार ने अपनी बच्ची का दूसरा नाम सिद्धी भी रखा है। उनका कहना है कि इस दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा-होती है।
परिवार में जश्न का माहौल
बता दें कि मदनलाल ने अपने समधि और बच्ची के नाना के खेथ में हेलीपैड़ बनाने का कार्य शुरू कर दिया है। परिवार ने बेटी बचाओ बेटी पढाओ के तहत अनूठी पहल की है। प्रशासन ने परिवार की खुशियों की खातिर मंजूरी दे दी है। पूरे परिवार में खुशियों का महौल है, वह जोर-शोर से तैयारियों में जुटे हुए हैं।