सार

आईएएस राजन विशाल वर्तमान में जयपुर के कलेक्टर हैं। करीब पांच साल से वो बच्चियों को सैनिटरी नैपकिन बांट रहे हैं। जयपुर में इसके लिए उन्होंने अभियान शुरू किया है। जिसका नाम दिया है चुप्पी तोड़ो सयानी बनो।

जयपुर. फॉदर्स डे पर हम आपको एक ऐसे IAS अधिकारी की कहानी बता रहे हैं। जो अपनी ड्यूटी के अलावा बेटियों को अवेयर करने की जिम्मेदारी अपने कंधों पर उठाए हुए हैं। राजस्थान का एक आईएएस अफसर ऐसा है जो बेटियों फ्री में सैनिटरी नैपकिन बांटते हैं और इसके बारे में बेटियों को जागरूक भी करते हैं। आईएएस राजन विशाल वर्तमान में जयपुर के कलेक्टर हैं। करीब पांच साल से वो बच्चियों को सैनिटरी नैपकिन बांट रहे हैं। उनका कहना है कि शहरी क्षेत्रों में तो बच्चियां फिर भी अवेयर हैं, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में अब भी अवेयरनेस की बहुत जरुरत है। 

संकोच तोड़ना ही जरुरी है
राजन विशाल आईएएस अफसर हैं। बड़ी जिम्मेदारियों के साथ ही अपना पैशन भी जी रहे हैं। राजन विशाल बताते हैं कि करीब छह साल पहले नागौर जिले में कलेक्टर थे। इस दौरान उन्होंने एक गांव का दौरा किया था वहां उन्हें पता चला कि ग्रामीणों महिलाओं और बच्चियों को कई बेहद गंभीर बीमारियां हैं। वो पीरियड के समय कपड़े का इस्तेमाल ही कर रहीं थीं। ऐसे में हाईजीन सबसे बड़ी समस्या थी और इसी समस्या के कारण हेल्थ इश्यू खड़े हो रहे थे। कुछ केस तो ऐसे थे कि इलाज तक के पैसे नहीं थे। ऐसे में सोचा कि यह बेहद जरुरी विषय है और इस पर अभी और काम करना बाकि है। तभी से इसे पैशन बना लिया और इस पर काम शुरु कर दिया।


तीन लाख बच्चियों से मिल चुके हैं अब तक
कलेक्टर राजन विशाल का कहना है कि सबसे पहले नागौर से ही प्रयास शुरु किए गए। सरकार का सहयोग भी मिला। सबसे पहले वहां के ग्रामीण इलाकों में स्थित सरकारी स्कूलों में की करीब 90 हजार बालिकाओं की फ्री सेनेटरी नेपेकिन बांटे गए। उनको इस बारे में सख्ती से बताया। उसके बाद 2018 में अलवर कलेक्टर की जिम्मेदारी मिली। वहां पर करीब 2000 स्कूलों की एक लाख पांच हजार से भी ज्यादा बच्चियों से अलग-अलग सेशन में फेस टू फेस हुआ। उनके सवालों के जवाब दिए। कई मिथक तोड़े। कई जगहों पर नेपकिन बांटे गए। महिला स्टाफ की मदद से उनको नेपकिन लगाने का तरीका तक बताया। उसके बाद अब राजन विशाल जयपर में कलेक्टर हैं। जयपुर में करीब एक हजार स्कूलों में सवा लाख से ज्यादा बच्चियों से वो इस बारे में बात कर चुके हैं। जयपुर में इसके लिए उन्होंने अभियान शुरू किया है। जिसका नाम दिया है चुप्पी तोड़ो सयानी बनो। कलेक्टर विशाल कहते हैं कक्षा 9 से 12वीं तक चयनित की गई 3 हजार 716 छात्राओं को हाइजीन एम्बेसडर नियुक्त किया है। 

कलेक्टर की रूचि देखकर सरकार ने ही शुरु कर दी उड़ान योजना 
नागौर से हुई इस शुरुआत के बारे में राज्य सरकार को पता लगा तो सीएम ने कलेक्टर की तारीफ की। साथ ही सभी जिलों में एक नई योजना शुरु कर दी गई। सरकार ने पिछले साल ही अपनी तीसरी वर्षगांठ पर दिसम्बर महीने में ही आईएम शक्ति उड़ान योजना शुरू की। जिसके तहत 10 से 45 साल  तक की एक करोड़ बीस लाख बच्चियों और महिलाओं को नि:शुल्क  सैनेटरी नेपकिन बांटे जाने का लक्ष्य रखा गया।

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