सार
धुंध और कोहरे में हाइवे पर अक्सर भयानक एक्सीडेंट होते हैं। लेकिन राजस्थान के रोडवेज बस चलाने वाले ड्राइवरों ने हादसों को रोकने का एक तगड़ा जुगाड़ निकाला है। वह रोजाना अपनी बसों को तंबाकू-चूना खिलाते हैं। उनका मानना है कि ऐसा करने से एक्सीडेंट नहीं होते हैं।
जयपुर. राजस्थान में रोडवेज बस चलाने वाले ड्राईवर्स इन दिनों दबाकर सिगरेट और चूना खरीद रहे हैं.....। खुद के लिए नहीं अपनी बसों के लिए...। अपनी बसों को खिलाने के लिए, बसें भी सिगरेट का तंबाकू और चूना लेकर खुश हैं और हादसे नहीं कर रही हैं। अटपटा लगा रहा होगा ये सब आपको..., लेकिन ये अटपटा नहीं है बल्कि एक तगड़ा जुगाड़ है। राजस्थान रोडवेज के अलवर, गंगानगर, भरतपुर, धौलपुर डिपो के अलावा ग्रामीण इलाकों में बसें चलाने वाले चालक ये जुगाड़ लगा रहे हैं।
कोहरे और धुंध से निपटने का है गजब जुगाड़
दरअसल ये जुगाड़ सड़क हादसों से बचा रहा है। मामला ये है कि बसों में कोहरे और धुंध के कारण दृश्यता तो लगातार कम हो ही जाती है उल्टे बसों के शीशों पर भी ओस जमने के कारण आगे रास्ता दिखाई नहीं देता। धुंध और कोहरे के कारण हादसे होते हैं। इस दौरान बसों के शीशों को साफ रखना चुनौती से कम नहीं होता। लेकिन राजस्थान रोडवेज के चालक तगड़ा जुगाड़ लगा रहे हैं।
सिगरेट का चूना रगड़े जाने के कारण बसों के शीशे पर धूल नहीं जमती
दरअसल बसों पर सिगरेट का चूना रगड़ा जा रहा है और साथ ही जरा सा चूना भी मिलाया जा रहा है। सिगरेट का चूना रगड़े जाने के कारण बसों के शीशे चिकने हो जाते हैं, उन पर धूल नहीं जमती। ओस की बूंद नहीं ठहरती और कई दिनों तक किसी तरह की परेशानी नहीं होती। अलवर डिपो पर बस चलाने वाले बस चालक सुरेश सिंह का कहना है कि कोहरे में इसी तरह से हम अपनी और सवारियों की जान बचाते हैं। आगे कुछ नहीं दिख पाता। बस की स्पीड धीरे भी रखते हैं और ऐसे में आगे का शीशा पूरी तरह से साफ होना जरुरी है।
रोडवेज की बस से करीब 300 से ज्यादा हादसे
उल्लेखनीय है कि पांच साल के दौरान राजस्थान रोडवेज की बस से करीब तीन सौ से ज्यादा हादसे हुए हैं। इन हादसों में 158 लोगों की मौत हुई है और सैंकड़ों की संख्या में लोग घायल हुए हैं। इनमें से बहुत हादसे कोहरे के कारण ही हुए हैं।