सार
राजस्थान कैडर से आईपीएस बने पंकज कुमार सिंह को मंगलवार को उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) नियुक्त किया गया है। बता दें कि पंकज सिंह एक माह पहले दिसंबर में ही बीएसएफ के डीजी पद से रिटायर हुए हैं।
जयपुर. राजस्थान कैडर के एक आईपीएस अफसर ने रिटायर होने के बाद भी प्रदेश का मान बढ़ाया है। रिटायर होने के महज पंद्रह दिन बाद ही उनके लिए दिल्ली से कॉल आ गया। अब देश की सुरक्षा संभाल रहे एनएसए चीफ अजीत डोबाल के साथ वे काम करेंगे। राजस्थान के लिए यह गर्व का क्षण है। उनके साथ काम करने वाले अधिकारी और पुलिस कार्मिक खुद को गौरवान्वित मान रहे हैं। ये अफसर हैं पीके सिंह यानि पंकज कुमार सिंह। सिंह अभी 31 दिसंबर को ही बीएसएफ के डीजी पद से रिटायर हुए हैं। वे दो साल के अनुबंध पर दिल्ली जा रहे हैं।
लखनऊ में जन्मे, राजस्थान में बने आईपीएस, कई जिलों में अफसर रहे
पीके सिंह यूपी के लखनऊ में 19 दिसम्बर 1962 में जन्मे। बीएएसी, एलएलबी और एमबीए की डिग्री हासिल की। उसके बाद देश सेवा को चुना और यूपीएससी की तैयारी की। राजस्थान कैडर से आईपीएस बने। प्रदेश में उनकी पहली पोस्टिंग जोधपुर पूर्व जिले में सहायक पुलिस अधीक्षक के पद पर हुई जो कि 1990 में हुई थी। वे 1988 में आईपीएस बने थे। उसके बाद जयपुर, जोधपुर, धौलपुर, भीलवाड़ा, सीआईडी विजिलेंस में एडिशनल एसपी और एसपी के पदों पर रहे।
1999 में दिल्ली में सीबीआई में एसपी रहे
1993 में वे राज्यपाल के एडीसी पद पर भी रहे। 1997 के बाद एक साल के लिए डेपुटेशन पर बोस्निया देश चले गए। वहां से वापस लौटकर जोधपुर, अलवर, कोटा में एसपी रहे। फिर 1999 में दिल्ली में सीबीआई में एसपी रहे। साल 2002 में सीबीआई ने दिल्ली में ही उप महानिरीक्षक पुलिस के पद पर पदोन्नत हुए। अगस्त 2007 में पदोन्नति पर आईजी जयपुर रेंज का कार्यभार संभाला। 2009 में आईजी कार्मिक राजस्थान व 2010 में आईजी लॉ एंड ऑर्डर रहे।
अब रिटायर होते ही मिली बड़ी जिम्मेदारी
उसके बाद 2010 में सिंह सीआरपीएफ नई दिल्ली में आईजी पद पर डेपुटेशन पर गए। 2014 में अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस पर प्रमोट होकर राजस्थान लौटे और एडीजी क्राइम का अहम पद संभाला। साल 2018 में एडीजी यातायात राजस्थान रहे और 2020 में बीएसएफ नई दिल्ली में बतौर एडीजी गए। 2021 में उन्हें बीएसएफ का डीजी पद सौंपा गया। 31 दिसंबर 2022 में वह बीएसएफ डीजी के पद से रिटायर हुए और अब वहां से रिटायर होते ही उनको बड़ा पद सौंप दिया गया है दो साल के लिए।