सार

हरियाणा में 6 लाख की रिश्वत लेने की हुई बात। राजस्थान का एक रिटायर्ड आरपीएस करा रहा था दोनों पक्षों के बीच में डीलिंग। एसएचओ का रीडर मोटा पैसा लेते हुए एसपी कि विजिलेंस पुलिस ने रंगे हाथ कर लिया गिरफ्तार।

जयपुर. जयपुर शहर के चित्रकूट थाना अधिकारी रामकिशन विश्नोई के रीडर दशरथ को हरियाणा के सोनीपत में शेयर कारोबारी से रुपए लेते हुए सोनीपत एसपी की विजिलेंस टीम ने रंगे हाथों पकड़ लिया है।  यह रिश्वत करीब 6 लाख रुपए की है।  रीडर दशरथ के साथ ही राजस्थान पुलिस के एक रिटायर्ड आरपीएस अफसर को भी रिश्वत की राशि के साथ गिरफ्तार किया जाना बताया गया है । हालांकि जयपुर पुलिस ने फिलहाल इस बारे में पूरी जानकारी नहीं दी है । डीसीपी वंदिता राणा का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है । उधर हरियाणा पुलिस ने फिलहाल जयपुर पुलिस से संपर्क नहीं साधा है । 

यह है पूरा मामला 
दरअसल जयपुर पुलिस कमिश्नरेट के अंतर्गत आने वाले चित्रकूट थाने के एक कॉन्स्टेबल दशरथ सिंह और रिटायर्ड डीएसपी शैलेंद्र सिंह को गिरफ्तार किया गया है। कुछ महीनों पहले हरियाणा के सोनीपत में रहने वाले शेयर कारोबारी  मनीष कुमार के खिलाफ चित्रकूट थाने में एक पीड़ित ने मुकदमा दर्ज कराया था।  पीड़ित का आरोप था कि शेयर कारोबारी मनीष कुमार ने शेयर बाजार में रुपए लगवा कर मोटे मुनाफे का झांसा दिया था।। लेकिन उसके बाद तय की गई रकम नहीं दी। इस मुकदमे के बाद पुलिस ने मनीष कुमार के एक कर्मचारी को गिरफ्तार कर लिया था। उधर मनीष कुमार को लगातार जयपुर पुलिस सोनीपत हरियाणा से जयपुर पूछताछ के लिए बुला रही थी। लेकिन मनीष हर बार किसी ना किसी कारण से जयपुर आना टाले  जा रहा था। मनीष के जयपुर नहीं आने के चलते चित्रकूट थाने से 2 सिपाही और एक एएसआई मनीष की तलाश में हरियाणा के सोनीपत पहुंचे थे। 

मामला सेटल कराने के नाम मांगी रिश्वत
उधर रिटायर्ड डीएसपी शैलेंद्र सिंह अलग से हरियाणा चला गया था । बताया जा रहा है कि शैलेंद्र सिंह ने मनीष कुमार और जयपुर पुलिस के बीच में लेन-देन की बात कराई थी । हरियाणा गए एसएचओ के रीडर दशरथ सिंह ने मनीष से केस को रफा-दफा करने के लिए 20 लाख रुपए मांगे थे। उसके बाद सौदा 6 लाख में तय हुआ था। रिश्वत की मोटी रकम लेते समय शैलेंद्र कुमार सिंह और दशरथ सिंह को सोनीपत एसपी की विजिलेंस टीम ने गिरफ्तार कर लिया।  इन दोनों की गिरफ्तारी से कुछ घंटे पहले ही एक एएसआई और एक सिपाही वापस जयपुर लौट आए थे। अब इस  पूरे घटनाक्रम में चित्रकूट थाने के एसएचओ रामकिशन विश्नोई की भूमिका भी संदिग्ध नजर आ रही है। उन्हें इस बारे में बातचीत के लिए कई फोन किए गए लेकिन उन्होंने कोई फोन नहीं उठाया। पुलिस अधिकारी भी इस पूरे मामले की जानकारी देने से कतरा रहे हैं। 

जयपुर का इस तरह का यह पहला ही मामला है जब जयपुर पुलिस के किसी जवान को दूसरे राज्य की पुलिस ने लेनदेन करते हुए गिरफ्तार किया है।

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