सार

वृंदावन की गलियों में घूमते देखा गया यह शख्स कोई साधू नहीं है। यह है महाठग तनय पारीक। जयपुर के रहने वाले इस ठग ने ऑनलाइन कंपनियां में निवेश का झांसा देकर सैकड़ों लोगों से ठगी की थी। मामला 2017 का है। जब लोगों को असलियत मालूम चली, तो वो पैसा मांगने लगे। आरोपी अपना दफ्तर और फोन बंद करके ऐसा गायब हुआ कि फिर किसी के हाथ नहीं लगा। अब तीन साल बाद वो साधू के भेष में पकड़ा गया। उसे देखकर पुलिस भी हैरान रह गई।

 

जयपुर, राजस्थान. एक कहावत तो आपने सुनी ही होगी कि 'सौ-सौ चूहे खाकर बिल्ली हज को चली!' यह कहावत इस ठग पर सौ फीसदी सटीक बैठती है। यह है करोड़ों की ठगी करने वाला आरोपी। वृंदावन की गलियों में घूमते देखा गया यह शख्स कोई साधू नहीं है। यह है महाठग तनय पारीक। जयपुर के रहने वाले इस ठग ने ऑनलाइन कंपनियां में निवेश का झांसा देकर सैकड़ों लोगों से ठगी की थी। मामला 2017 का है। जब लोगों को असलियत मालूम चली, तो वो पैसा मांगने लगे। आरोपी अपना दफ्तर और फोन बंद करके ऐसा गायब हुआ कि फिर किसी के हाथ नहीं लगा। अब तीन साल बाद वो साधू के भेष में पकड़ा गया। उसे देखकर पुलिस भी हैरान रह गई।


मालामाल होने के चक्कर में ठगे गए लोग
जयपुर की चित्रकूट पुलिस ने आरोपी को अरेस्ट किया है। जानकारी के अनुसार, आरोपी ने 2017 में एक आफिस खोला था। इसने लोगों को अमेजॉन, फ्लिपकार्ट और गूगल पे जैसी ई-कॉमर्स कंपनियों में निवेश करके भारी मुनाफा कमाने का झांसा दिया। सैकड़ों लोगों ने निवेश भी कर दिया। बताते हैं कि इसने करीब 5 करोड़ रुपए की ठगी की। इसके बाद आरोपी आफिस बंद करके भाग गया। डीसीपी कावेन्द्र सिंह सागर ने बताया कि आरोपी तनय पारीक जयपुर के शास्त्री नगर स्थित सुभाष नगर का रहने वाला है। इसके खिलाफ पहली रिपोर्ट सीकर के श्रीमाधोपुर निवासी राकेश मिश्रा ने दर्ज कराई थी। इसके बाद और भी कई निवेशकों ने रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही है कि वो फरारी के बाद कहां-कहां रहा। वृंदावन जाकर साधू क्यों बना?