सार
राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट गहलोत खेमे के मंत्री से मिलने अचानक उनके घर पहुंचे। राजनीतिक गलियारे में हुई हलचल शुरू। इसके बाद मीडिया ने मुलाकात के बारे में पूछा तो खाचरियावास बोले एक ही पार्टी के नेता है तो भजन करने तो आएंगे नहीं,स्वाभाविक सी बात है राजनीति पर चर्चा हुई है।
जयपुर. सीएम ने कहा था राजनीति में जो होता है वह दिखता नहीं जो दिखता है वह होता नहीं। अगले ही दिन यानी आज इसका लाइव प्रमाण जयपुर से सामने आ गया। पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट को पानी पी पीकर कोसने वाले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सबसे बड़े सिपहसालार प्रताप सिंह खाचरियावास के कुछ फोटो और वीडियो सामने आए हैं। इन फोटो और वीडियो में वे सचिन पायलट के साथ बैठे दिखाई दे रहे हैं। मीडिया को उन्होंने कहा कि सचिन पायलट करीब डेढ़ से 2 घंटे में के साथ बैठे थे। उनके घर पर राजनीति और अन्य तमाम विषयों पर चर्चा हुई।
समय आने पर पता चल जाएगा, क्या बात हुई
क्या चर्चा हुई यह वक्त आने पर आपको बता देंगे। खाचरियावास ने कहा कि वे मेरे घर आए कॉफी पी और इसके अलावा आने वाले विधानसभा चुनाव में भी लेकर भी चर्चा हुई। उनका कहना था मेरे घर आए तो वह भजन कीर्तन तो करने आए नहीं होंगे, राजनीति और अन्य विषयों पर चर्चा हुई है। इसे लेकर जल्द ही मीडिया के सामने बयान रखा जाएगा ।
सीएम की कुर्सी को लेकर मचा है बवाल
गौरतलब है की राजस्थान में मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए चल रहे विवाद को लेकर दिल्ली तक बवाल मचा हुआ है। इस विवाद को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के तीन सबसे नजदीकी नेता लगातार मीडिया की सुर्खियों में बने हुए हैं। इन तीन नेताओं में यूडीएच मिनिस्टर शांति धारीवाल ,पीडब्ल्यूडी मिनिस्टर महेश जोशी और खाद्य एवं आपूर्ति नागरिक मिनिस्टर प्रताप सिंह खाचरियावास शामिल है। धारीवाल और जोशी को तो आलाकमान नोटिस दे चुका है। लेकिन खाचरियावास इस नोटिस से बच गए हैं। लेकिन अब जैसे-जैसे दिल्ली से आने वाले पर्यवेक्षकों का समय नजदीक आ रहा है, वैसे वैसे राजनीति और ज्यादा करवट बदलती जा रही है।
सबसे बड़ी बात कि प्रताप सिंह खाचरियावास को कभी सचिन पायलट गुट का माना जाता था। लेकिन जैसे ही सचिन पायलट का पत्ता साफ होने लगा प्रताप सिंह खाचरियावास सीएम अशोक गहलोत के खेमे में आ गए। पिछले दिनों प्रताप सिंह ने तो यहां तक कह दिया था कि अगर आलाकमान सचिन पायलट को राजस्थान का मुख्यमंत्री बनाता है तो वे लोग इसका विरोध करेंगे, इस्तीफे दे देंगे। लेकिन अब राजनीति का एक नया ही चेहरा देखने को मिल रहा है।