सार
मवेशियों में होने वाला लंपी वायरस राजस्थान में हुआ बेकाबू, तीन दिन में ही 17 जिलों में फैला, मुख्यमंत्री ने जारी की एडवाइजरी। जयपुर में भी हुई एंट्री, प्रदेश में अब तक 4300 से ज्यादा मवेशियों की मौत, 95 हजार से भी ज्यादा बीमार.....
जयपुर. मानसून के सीजन में लम्पी वायरस बेकाबू होता जा रहा है। सिर्फ तीन से चार दिनों में ही तीन जिलों से होकर यह अब प्रदेश के 17 जिलों मे फैल चुका है। दो दिन के दौरान जयपुर में भी वायरस ने एंट्री कर ली है। जयपुर में वायरल से ग्रसित कई मवेशी मिले है। उनका उपचार शुरु कर दिया गया है। वायरल को लेकर राजस्थान सरकार के पशुपालन मंत्री लालचंद कटारिया ने बुधवार को सभी जिलों के अफसरों की वीसी ली थी। इसके बाद अब आज मुख्यमंत्री ने एडवाइजरी जारी की है और वायरस को गंभीरता से लेने की बात कही है। सीएम ने कहा है कि वायरस संक्रामक है, तेजी से फैल रहा है, मवेशियों को बचाने की जरुरत है और साथ ही खुद को भी बचाना है। बताया जा रहा है कि यह वायरस इस साल अप्रेल में राजस्थान के रास्ते होता हुआ भारत में आया था। यह वायरस पाकिस्तान की ओर से आने की बात की जा रही है। उसके बाद जैसे ही मानूसन शुरु हुआ वायरस तेजी से फैला और मौत बांटने लगा। राजस्थ्ज्ञान के अलावा पंजाब, यूपी और गुजरात में भी मवेशियों में यह वायरस फैल गया है और वहां भी जानें जा रही हैं।
राजस्थान में अब तक 94 हजार से ज्यादा मवेशी चिंहिंत
राजस्थान में इस बीमारी से अब तक करीब 4300 से ज्यादा मवेशी दम तोड़ चुके हैं। इसके अलावा अब तक इससे 94 हजार 689 पशु संक्रमित हो चुके हैं । अब तो जयपुर शहर में भी मवेशी संक्रमित मिल रहे हैं। जयपुर में करीब तीन सौ मवेशी संक्रमित हैं और इनके अलावा सत्तर से ज्यादा दम तोड़ चुके हैं। मवेशियों में तेजी से फैल रही यह बीमारी पशुपालकों का जीना बेहाल कर रही है। फिलहाल इस बीमारी का कोई पुख्ता इलाज सामने नहीं आ रहा है। पशु पालक संक्रमित मवेशियों को अन्य स्वस्थ मवेशियों से अलग रख रहे हैं फिर भी संकमण तेजी से फैल रहा है।
लम्पी वायरस टीका नहीं बना, जुगाड़ से कर रहे इलाज
मवेशियों... खासतोर पर गायों में यह बीमारी तेजी से फैल रही है। फिर चाहे पालतू मवेशी हों या अन्य, सभी को अपनी चपेट में यह बीमारी ले रही है। वायरस के दौरान गायों में सिक्को के आकार के चकत्ते पूरे शरीर पर होते हैं और फिर वे फट जाते हैं। उनमें से खून रिसता है और तड़क कर मवेशी दम तोड़ देता है। पशु चिकित्सकों का कहना है कि बीमारी तेजी से फैलने वाली संक्रमित बीमारी है। पक्षियों और कीट पतंगों की मदद से यह एक मवेशी से दूसरे में फैलती है। इसका कोई टीका फिलहाल नहीं बना है। पशु पालक अपने मवेशी बचाने के लिए अलग अलग तरह से जुगाड़ कर रहे हैं। कुछ पशु पालक तो अपने मवेशियों को गोट पोक्स का टीका भी लगा रहे हैं। राजस्थान में जोधपुर में इस बीमारी का सबसे ज्यादा आतंक हैं। वहां पर अब तक सात सौ से ज्यादा मवेशी जान गवां चुके हैं। जोधपुर के अलावा बाडमेर, चूरू, सीकर, जैसलमेर, पाली, नागौर, जयपुर , झुझुनूं, अजमेर, गंगानगर, हनुमानगढ़ समेत अन्य जिलों में यह बीमारी फैल रही है।