सार

राजस्थान के जयपुर में एक मासूम द्वारा स्कूल से बंक मारने खबर ने सबको हैरान कर दिया। स्कूल जाते ही बीच रास्ते हुई गायब, तलाशने में जुटें पुलिस ,स्कूल प्रबंधन ,परिजन और एसडीआरएफ की टीमें। खेल घंटी बजते ही वापस लौट आई बच्ची, बोली मन नहीं था स्कूल जाने का..

जयपुर. स्कूल या कॉलेज से बंक मारने की घटनाएं अक्सर सामने आती है, हो सकता है आपने भी कभी पिक्चर देखने के लिए या क्रिकेट खेलने के लिए अपने स्कूल या कॉलेज से बंक मारा हो। लेकिन क्या यह संभव है कि पहली कक्षा की बच्ची स्कूल से बंक मारे ....। जयपुर शहर में इस तरह की घटना हुई है और इस बेहद चौंकाने वाली घटना के बाद बच्ची के परिजन परेशान रहे, पर फिर बच्ची के खेत से बाहर निकल आने के बाद उनको सुकून आया। यह घटना जयपुर शहर के चाकसू थाना क्षेत्र में स्थित एक कस्बे की है। 

पहली कक्षा मैं पढ़ती है 5 साल की पायल 
दरअसल चाकसू क्षेत्र में स्थित मीणा की ढाणी कस्बे में रहने वाले हरि राम मीणा की 5 साल की बच्ची पायल हर रोज की तरह सोमवार को भी अपने बड़े भाई के साथ घर से कुछ ही दूरी पर स्थित सरकारी स्कूल पढ़ने गई थी। घर से जाने से पहले दोनों बहन भाई ने स्नान किया था और उसके बाद दोनों नाश्ता कर स्कूल के लिए रवाना हो गए थे। लेकिन बड़ा भाई ही स्कूल पहुंचा। पायल स्कूल नहीं पहुंची।

बीच रास्ते से हुई गायब
पायल के स्कूल न पहुंचने पर विद्यालय प्रबंधन ने जब बड़े भाई से पूछा तो उसका कहना था कि स्कूल आने तक बहन साथी अचानक कहां चली गई पता नहीं। इसकी सूचना स्कूल मैनेजमेंट ने तुरंत बच्ची के परिजनों को दी। मासूम के परिवार वाले दौड़ते हुए स्कूल पहुंचे। मामला बढ़ता देख पुलिस को भी इस बारे में सूचना दी गई। अन्य बच्चों से पूछताछ करने पर पता चला कि स्कूल के थोड़ा सा आगे ही एक तालाब के नजदीक बच्ची को जाते हुए देखा गया था। इस पर पुलिस ने बिना समय गवाएं किसी अनिष्ट की आशंका को सोचते हुए एसडीआरएफ गोताखोर की टीम को भी मौके पर बुला लिया। पुलिस, परिजन , स्कूल प्रबंधन और एसडीआरएफ की टीम बच्ची को तालाब और उसके आसपास तलाशते रहे, लेकिन उसका कोई पता नहीं चल सका। 

खेत से आई बाहर, बोली स्कूल जाने का मन नहीं था
बाद में दोपहर के समय जब खेल घंटी बजी और बच्चों की छुट्टी हुई तो 5 साल की पायल भी स्कूल के सामने स्थित एक खेत में से वापस आती हुई दिखाई दी। बच्ची के आते ही परिजनों ने उसे गोद में उठाया और उसे कुशल देखकर उनकी चिंता खत्म हुई । पुलिस, स्कूल प्रबंधन और परिजनों ने जब बच्ची को प्यार से पूछा कि वह कहां गई थी तो उसने कहा कि उसे स्कूल आना अच्छा नहीं लगता।  इसीलिए वह स्कूल नहीं आई थी और खेत में ही बैठी थी। इस घटना के बाद सब ने राहत की सांस तो जरूर ली लेकिन बच्ची के इस कांड की चर्चा रात तक पूरे कस्बे में बनी रही।

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