सार

राजस्थान में राज्य सरकार ने अपने यहां के पेंशनर्स के लिए केंद्र सरकार की तर्ज पर हेल्थ स्कीम योजना जारी की है। हालाकि अब इसमें सरकार ने इतनी प्रीमियम रख दी है,जिसके कारण वे इसका भुगतान करने की समस्या खड़ी हो गई है। इससे वे इस लाभ लेने से वंचित हो सकते है।

जयपुर. सरकारी कर्मचारियों व पेंशनर्स के स्वास्थ्य के लिए राज्य सरकार की ओर से शुरू की गई राजस्थान गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। राज्य सरकार ने प्रदेश के 25 हजार से ज्यादा पेंशनर्स के लिए  ये योजना बंद कर दी है। ये पेंशनर्स स्वायत शासन विभाग से जुड़े सेवानिवृत कर्मचारी है। जिनसे सरकार ने योजना का लाभ लेने के लिए पहले तो 61 हजार रुपए और बाद में एक लाख पांच हजार रुपए एक मुश्त मांगे थे। जिसके लिए नगर पालिकाओं को पत्र लिखा था। लेकिन, ज्यादातर सेवानिवृत कर्मचारियों को इसकी जानकारी ही नहीं मिली। ऐसे में अब जब वे आरजीएस का कार्ड लेकर अस्पताल पहुंच रहे हैं तो उन्हें इसका लाभ देने से मना किया जा रहा है। लिहाजा इन सेवानिवृत कर्मचारियों की परेशानी बढ़ गई है। चूंकि कई बुजुर्ग पेंशनर्स तो गंभीर बीमारी से भी पीडि़त व आर्थिक दृष्टि से कमजोर हैं। लिहाजा उनके सामने उपचार तक का संकट गहरा गया है।

ये है पूरा मामला
सरकारी कर्मचारी व पेंशनर्स के लिए राज्य सरकार ने पिछले साल बजट में आरजीएचएस योजना की घोषणा की थी। जिसमें नगर निकाय के कर्मचारियों का भी ये लाभ दिया गया। लेकिन, जब पेंशनर्स कार्ड बनवाकर लाभ लेने लगे तभी पिछले साल दिसंबर महीने में स्वायत शासन विभाग ने एक आदेश पालिकाओं को जारी कर पेंशनर्स से 61 हजार रुपये का एकमुश्त प्रीमियम राशि लेने का आदेश जारी कर दिया। जिसके बाद पालिकाओं से जुड़े रहे कुछ पेंशनर्स ने तो यह राशि जमा करवा दी, लेकिन ज्यादातर को इस आदेश का पता ही नहीं चला। इसके बाद स्वायत शासन विभाग ने पिछले महीने 7 जुलाई को ही पालिकाओं को नया आदेश जारी कर प्रीमियम की राशि 1 लाख 5 हजार रुपए बताते हुए एक महीने में जमा करवाने को कहा। जिसके बारे में भी ज्यादातर पूर्व कर्मचारियों को पता नहीं चला। ऐसे में तय एक समय बाद उन कर्मचारियों का आरजीएचएस लाभ बंद कर दिया गया। जिससे प्रदेश के करीब 25 हजार पेंशनर्स की मुसीबतें बढ़ गई है। 

पेंशनर्स कहां से लाएं राशि
इधर, पालिका से सेवानिवृत कर्मचारियों ने सरकार द्वारा एक लाख पांच हजार रुपए मांगे जाने का विरोध भी किया है। एसोसिएशन के सचिव राजेन्द्र माथुर ने बताया कि सेवानिवृत कर्मचारियों में सफाई कर्मी सहित निम्र संवर्ग के पेंशनर्स भी शामिल हैं। जिनके पास एकमुश्त इतनी राशि देने की क्षमता नहीं है। ऐसे में सरकार को या तो पेंशन में से थोड़ी थोड़ी राशि काटकर योजना का लाभ देना शुरू करना चाहिए या 2012 के मंत्रीमंडल के अलग फंड बनाए जाने की घोषणा को लागू कर पालिका के पूर्व कर्मचारियों को राहत देनी चाहिए।

क्या है आरजीएचएस
आरजीएचएस राजस्थान सरकार द्वारा वर्ष 2020-21 बजट घोषणा के बिन्दु संख्या-244 के तहत सी.जी.एच. एस ( सेंट्रल गवर्नमेंट हैल्थ स्कीम) की तर्ज पर कैशलेस चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाने हेतु प्रदेश में लागू की गई है। इसके तहत 5 लाख + 5 लाख कैशलेस सुविधा प्रदान की जाएगी। इसमें लाभार्थी के रूप में राज्य सरकार के मंत्री, विधायकगण / पूर्व विधायकगण, न्यायिक सेवा के सेवारत और सेवानिवृत न्यायाधीश, अखिल भारतीय सेवा के सेवारत अधिकारी व पेंशनर्स एवं राज्य के सरकारी, अर्द्ध सरकारी निकाय, बोर्ड, निगम आदि के अधिकारी, कर्मचारी तथा पेंशनर एवं उनके आश्रित परिजन योजना का लाभार्थी बन सकते है। आरजीएचएस फैमिली या परिजन  का अर्थ है लाभार्थी के पति / पत्नी तथा कर्मचारी पर आश्रित 25 वर्ष तक की दो संतान व माता, पिता जो सामान्यतः कर्मचारी के पदस्थापन के स्थान पर रहते हों जिनकी मासिक आय 6 हजार से कम हो।

यह भी पढ़े- ग्रामीण ओलंपिक की शुरुआत: राजस्थान के 44 हजार गांव होंगे शामिल, दादा-पोता और देवरानी जेठानी होंगी आमने-सामने