सार

राजस्थान पुलिस को स्मार्ट बनाने के लिए  इस बार पुलिस विकास कोष से 12 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत की गई है जो कि अलग अलग  विभाग के ऊपर खर्च की जाएगी। जानिए किस डिपार्टमेंट को किस काम के लिए मिलेगा फंड....

जयपुर. महानिदेशक पुलिस एम एल लाठर की अध्यक्षता में बुधवार को पुलिस मुख्यालय में आयोजित पुलिस विकास कोष एंपावर्ड कमेटी की बैठक में पुलिस विकास कोष के तहत इस वित्तीय वर्ष में कुल 12 करोड़ रुपए की राशि के विभिन्न विकास कार्यों को स्वीकृति प्रदान की गई। उन्होंने बताया कि पुलिस आधुनिकीकरण योजना के तहत स्वीकृत और राजस्थान पुलिस द्वारा क्रय की गई 71 मोबाइल इन्वेस्टिगेशन यूनिट्स के आधुनिकीकरण एवं सुदृढ़ीकरण के कार्य को प्राथमिकता से कराया जाएगा। इन इन्वेस्टिगेशन यूनिट्स के आधुनिकीकरण एवं सुदृढ़ीकरण पर 2 करोड रूपये से अधिक की राशि व्यय की जाएगी। पुलिस के नवीन वाहनों में आवश्यक तकनीकी युक्त विशेषताओं वाले मोबाइल डाटा टर्मिनल लगाए जाने की भी स्वीकृति प्रदान की गई। इस कार्य पर ₹25 लाख की राशि व्यय की जाएगी। राजस्थान पुलिस की यातायात शाखा द्वारा ली गई मोबाइल एजुकेशन वैन के लिए भी राशि स्वीकृत की गई है। महानिदेशक ने बताया कि पुलिस प्रशिक्षण संस्थानों में आधुनिक तकनीक से युक्त एवं प्रशिक्षण सुविधा की दृष्टि से स्मार्ट क्लासरूम की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए 10 प्रषिक्षण संस्थानों में स्मार्ट क्लास रूम स्थापित करने के लिए राशि 52 लाख की राशि स्वीकृत की गई है। 

बनेगा स्मार्ट ट्रेनिंग सेंटर

स्मार्ट डिस्ट्रिक्ट ट्रेनिंग सेंटर के लिए 46 लाख रुपए और पीटीएस अलवर में कंप्यूटर लैब के लिए 23 लाख रुपए की राशि स्वीकृत की गई है। इसी प्रकार राजस्थान पुलिस अकादमी में रिसर्च लैब और स्टडी सेंटर के लिए 35 लाख, ग्राउंड लेवल कम क्लीनर के लिए 10 लाख, स्मार्ट पोडियम साउंड सिस्टम के लिए 8 लाख और कार ड्राइविंग सिम्युलेटर के लिए 7 लाख की राशि स्वीकृत की गई है। 

आरएसी ब्रांच के लिए लाखों की राशि स्वीकृत हुई

लाठर ने बताया कि राजस्थान पुलिस की आरएसी की ईआरटी शाखा के आधुनिकीकरण और सुदृढ़ीकरण के लिए 125 लाख रुपए की राशि स्वीकृत की गई है।  आरएसी के लिए कंप्यूटर लैब की व्यवस्था के लिए ₹80 लाख की राशि और इंटेलिजेंस ट्रेनिंग अकादमी में विभिन्न प्रशिक्षण सुविधाओं को सुदृढ़ करने के लिए एक करोड़ 21 लाख रुपए की राशि स्वीकृत की गई है।  इंटेलिजेंस शाखा के लिए डिजिटल डिवाइस फॉरेंसिक सॉल्यूशन सॉफ्टवेयर हेतु 30 लाख रूपए की राशि भी स्वीकृत की गई।

क्राइम ब्रांच डिपार्टमेंट के लिए  इतनी राशि सेंशन हुई

राजस्थान पुलिस की अपराध शाखा में आउटडोर ब्रॉडकास्टिंग वेन के लिए 43 लाख रुपए की राशि, सीआईडी सीबी में सीआरआई सिस्टम के लिए 30 लाख, वॉइस लोगर सर्वर सिस्टम के लिए 22 लाख, सीडीआर एनालिसिस सॉफ्टवेयर के लिए 20 लाख और अन्य कार्यों के लिए 12 लाख सहित कुल 1 करोड़ 39 लाख रुपए की राशि स्वीकृत की गई है। एटीएस में साइबर फॉरेंसिक स्किल एनहैंसमेंट के लिए 57 लाख, इमरजेंसी रिस्पांस सपोर्ट सिस्टम के लिए 14 लाख, एसओजी में स्किल अपग्रेडेशन प्रोजेक्ट के लिए 51 लाख, पुलिस ट्रेनिंग सेंटर के लिए 66 लाख, कमिष्नरेट जोधपुर में साइबर इन्वेस्टिगेशन एंड ट्रेनिंग लैब के लिए 39 लाख एससीआरबी में मिनी मोबाइल ट्रेनिंग व्हीकल और फिंगरप्रिंट एंड फोटोग्राफी ट्रेनिंग किट्स के लिए 25 लाख अजमेर रेंज में महिला सशक्तिकरण अभियान के लिए 18 लाख रुपए की राशि स्वीकृत की गई हैै। 

बैठक में महानिदेषक इंटेलिजेंस उमेश मिश्रा ने भी अपने विचार व्यक्त किये। अतिरिक्त महानिदेशक आयोजना आधुनिकीकरण एवं कल्याण गोविंद गुप्ता ने बैठक का एजेंडा प्रस्तुत किया। बैठक में अतिरिक्त महानिदेशक  राजीव शर्मा, सौरभ श्रीवास्तव, रवि प्रकाश, जंगा श्रीनिवास राव, सुनील दत्त, अशोक राठौड़ सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे। बैठक में गृह विभाग के संयुक्त सचिव श्री जगवीर सिंह एवं संयुक्त सचिव वित्त  मेवाराम भी मौजूद थे।

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