सार
राजस्थान में छात्रसंघ चुनाव के परिणाम जारी होने लगे है। इसी कड़ी में कॉमर्स संकाय के सबसे बड़े कॉलेज, कॉमर्स कॉलेज के उपाध्यक्ष के पास बाइक तक नहीं है। दोस्तों ने चुनाव लड़वा दिया, जीते तो भी दोस्तों ने ही बताया, उसके बाद घर से आया अध्यक्ष।
जयपुर. राजस्थान में छात्रसंघ चुनाव परिणामों के बीच खबर है प्रदेश के सबसे बड़े कॉमर्स संकाय के कॉलेज से। कॉमर्स संकाय का कॉलेज यानि राजस्थान का कॉमर्स कॉलेज जो जयपुर में स्थित है। राजस्थान विश्वविद्यालय के संघठक कॉलेजों में शामिल कॉमर्स कॉलेज से उपाध्यक्ष बने हैं सैकेंड इयर के आशीष महावर....। आशीष की स्टोरी हिंदी फिल्मों जैसी ही है, जहां धन बल के आगे संघर्ष की जीत हुई है।
रिजल्ट के समय था घर पर प्रत्याशी, दोस्तों ने फोन कर बताया
दरअसल आशीष महावर कॉमर्स कॉलेज के सैंकेंड इयर के छात्र है। बेहद साधारण परिवार से आने वाले आशीष का कहना है कि उनके पास इतना पैसा नहीं है कि रोज बस से आए या फिर स्कूटर-बाइक ले लेवें। उनके पास साइकिल है जो भी करीब दस साल पुरानी। आशीष ने बताया कि माता पिता को तो पता तक नहीं कि मैने चुनाव लड़ लिया और जीत भी लिया। अगर घर में पता लगता तो मुझे कॉलेज ही नहीं आने देते। आशीष ने बताया कि उनके दोस्तों ने उन्हें चुनाव लड़वा दिया। वो तो सिर्फ नामाकंन दाखिल करने गए थे। उसके बाद कॉलेज में दोस्त ही साथ रहे और क्लासेज में जाकर दोस्तों ने भी वोट मांगे। आशीष ने बताया कि शायद ही पांच सौ रुपए से ज्यादा खर्च किए होंगे जेब से चुनाव पर, दोस्तों ने ही कुछ पम्पलेट प्रिंट कराए और उन्होनें ही लगवा भी दिए। यह जीत दोस्ती की जीत है। दोस्ती से बढ़कर वास्तव में कुछ भी नहीं है।
उल्लेखनीय है कि चुनाव लड़ने का खर्च कमेटी ने तय कर रखा है। कमेटी को यह पावर सरकार ने दी है। कमेटी के अनुसार पांच हजार रुपए से ज्यादा का खर्च चुनाव पर नहीं किया जा सकता। लेकिन यहां तो लाखों रुपए खर्च किए जा रहे हैं। उसके बाद भी सीट हाथ नहीं लग रही है। जबकि आशीष ने पांच हजार छोड़ पांच सौ रुपए खर्च कर ही चुनाव जीत लिया है।