सार

राजस्थान में दिसंबर आने के साथ ही सर्दी भी बढ़ने लगी है। प्रदेश में कश्मीर से चलने वाली सर्द हवाओं के चलते ठिठुरन बढ़ जाएगी। ठंड के साथ ही अब प्रदेश कोहरा भी बढ़ने लगा है। बढ़ती ठंड के चलते किसानों फसल को कवर करना किया शुरू।

जयपुर (jaipur). राजस्थान के मौसम में अब बड़ा बदलाव होने वाला है। दिसंबर महीना शुरू होने के साथ ही अब प्रदेश में हाड़ कंपा देने वाली सर्दी का दौर शुरू होने वाला है। आज शाम से राजस्थान में ठंडी हवाओं का दौर शुरू हो जाएगा। इसके बाद तापमान में करीब 2 दिनों तक उतार-चढ़ाव रहेगा। वही मौसम साफ होने के साथ ही तापमान जमाव बिंदु की ओर जाना शुरू हो जाएगा। इसके साथ ही सुबह और शाम के समय घना कोहरा भी छाया रहेगा।

जम्मू कश्मीर में होने वाली बारिश बढ़ाएगा ठिठुरन
दरअसल जम्मू कश्मीर लद्दाख और हिमाचल प्रदेश जैसे इलाकों में आज से एक नया पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने जा रहा है। इससे यहां बारिश और बर्फबारी होगी। ऐसे में इन राज्यों से चलने वाली ठंडी हवाएं पंजाब राजस्थान और दिल्ली के तरफ आएगी। ऐसे में यहां तेज सर्दी का एहसास होगा। हालांकि इस दौरान तापमान में उतार-चढ़ाव होगा। लेकिन राजस्थान में आगामी 1 सप्ताह में यदि कोई लोकल चक्रवात क्रिएट होता है तो हल्की बूंदाबांदी भी हो सकती है। इस बूंदाबांदी के बाद राजस्थान में मौसम साफ होने के साथ ही तापमान में लगातार गिरावट का दौर शुरू होगा प्रोग्राम करीब 10 दिसंबर के बाद राजस्थान में घना कोहरा छाया रहेगा। सुबह और शाम के समय कई इलाकों में धुंध भी देखने को मिलेगी।

सीकर जिले में रहा सबसे कम तापमान
राजस्थान में आज तापमान की बात करें तो सबसे कम तापमान सीकर जिले के फतेहपुर में दर्ज किया गया है। सीकर के फतेहपुर में आज का न्यूनतम तापमान करीब 3.8 डिग्री रहा है। फतेहपुर में बीते करीब 15 दिनों से तापमान 10 डिग्री से नीचे ही दर्ज किया जा रहा है। पूरे राजस्थान में माउंट आबू और फतेहपुर ही केवल एक ऐसे इलाके हैं जहां तापमान लंबे समय तक जमाव बिंदु के नीचे दर्ज किया जाता है। यहां दिसंबर और जनवरी के बीच फसलों पर बर्फ भी जम जाती है।

किसानों ने ठंड से बचाने ढ़की फसल
तेज सर्दी से पड़ने वाले पाले से बचाव के लिए अब शेखावाटी में किसानों ने फसलों को कवर करना शुरू कर दिया है अपनी राम लेकिन यदि अब बारिश के साथ राजस्थान में ओलावृष्टि होती है तो वहां फसलों को भारी नुकसान भी हो सकता है। इससे पहले इस बार मानसून में हुई रिकॉर्ड बारिश के चलते भी भरतपुर समेत कई इलाकों में किसानों की पूरी की पूरी फसलें ही नष्ट हो गई थी।

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