सार

जालौर में हुई दलित छात्र हत्या मामलें में राजस्थान में राजनीति का माहौल गर्म है। प्रदेश के कई जिलों में मृतक के सपोर्ट में रैलिया की रही। इसके बीच ही जिलें के एमएलए जोगेश्वर गर्ग का समझदारी वाला बयान आया है जिसमें उनक कहना है- पहले सच सामने आने दो फिर करना राजनीति।

जालौर. राजस्थान के जालौर में स्थित सुराणा गांव में 9 साल के बच्चे इंद्र कुमार मेघवाल की पिटाई के दौरान हुई मौत के बाद राजस्थान में राजनीतिक माहौल भड़का हुआ है । जयपुर, अलवर, जालौर, बारात,  समेत कई जिलों में मृतक छात्र इंद्र मेघवाल के बारे में रैलियां निकाली जा रही है  धरने प्रदर्शन किए जा रहे हैं । इस बीच भारतीय जनता पार्टी के एक एमएलए ने बेहद समझदारी वाला बयान दिया है ,उनका कहना है कि जब तक  मामले में जांच पूरी नहीं हो जाती तब तक उसे राजनीतिक रंग देना उचित नहीं है । इस मामले में भी यही हो रहा है। उनका कहना है कि पुलिस विभाग और शिक्षा विभाग को अपना काम करने दें, फिलहाल राजनीति ना करें। 

भाजपा एमएलए बोले- पहले सच तो सामने आने दो
राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी के विधायक और राजस्थान विधानसभा में सचेतक जोगेश्वर गर्ग ने इस पूरे मामले में सवाल खड़े किए हैं। उनका कहना है कि वह सुराणा गांव में  इस मौत के बाद गांव में जाकर लोगों से बातचीत कर चुके हैं।  जिसे स्कूल का यह पूरा मामला है।  उसे स्कूल में दो पाटनर हैं।  एक पार्टनर राजपूत है दूसरा मोची समाज से है।  स्कूल में आधे से ज्यादा अध्यापक sc-st से हैं । अधिकतर बच्चे भी एससी एसटी के ही हैं।  गर्ग ने कहा कि स्कूल के कुछ टीचर्स एवं गांव के बहुत से लोगों से बातचीत हुई उनका यह कहना है कि बच्चे के साथ मारपीट जरूर हुई है और इस मारपीट के कारण ही बच्चे की मौत हुई है। लेकिन अभी यह कहना बहुत जल्दबाजी है कि बच्चे ने पानी के मटके से पानी पिया था और इस कारण शिक्षक ने बच्चे को मारा था। छुआछूत का मामला फिलहाल पूरी तरह से अभी सामने नहीं आ रहा है। 

गर्ग ने जनता से की अपील
गर्ग ने जनता से अपील करते हुए यह भी कहा कि पुलिस और शिक्षा विभाग को उनका काम करने दें, सरकार की दोनों एजेंसी अपनी अपनी रिपोर्ट तैयार कर रही हैं। इस रिपोर्ट को सरकार को सौंपा जाएगा। अगर रिपोर्ट में कुछ गलत आता है, तो बिल्कुल प्रदर्शन और धरने देना उचित है। लेकिन अगर मौत मारपीट से ही होना सामने आया है तो यह सब कुछ व्यर्थ है। फिलहाल धैर्य रखें और सरकार पुलिस एवं प्रशासन की जांच पर भरोसा करें। 

टीचर ने कबूला की थी मारपीट, पर मटके से पानी वाली बात नहीं मानी
एमएलए गर्ग ने कहा कि सायला ग्राम पंचायत में आने वाला सुराणा गांव मेरे विधानसभा क्षेत्र में ही है। वहां के कई लोगों से बात की गई है लेकिन जाती पाती या छुआछूत के कारण बच्चे की पिटाई का मामला फिलहाल सामने नहीं आ रहा है। खुद अध्यापक ने स्वीकारा है कि उसने बच्चे के चाटे लगाए थे। लेकिन उसने यह नहीं कहा कि बच्चे ने मटके से पानी पिया था। 

गौरतलब है कि जालौर में इस दलित बच्चे की मौत के बाद राजस्थान सरकार को रालोपा, भाजपा। आप पार्टी समेत उनके ही कई नेताओं ने घेर रखा है। इस घेराबंदी के बीच भारतीय जनता पार्टी के विधायक राजेश्वर गर्ग का बयान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उनकी सरकार के लिए राहत भरा हो सकता है।

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