सार
दो मई की रात ईद से पहले झंडा लगाने और लाउडस्पीकर को देकर दो पक्षों में सांप्रदायिक हिंसा हो गई थी। इसके बाद विवाद इतना बढ़ गया था कि हालात बिगड़ गए। जिसके बाद पुलिस ने मामले को शांति करने के लिए कर्फ्यू लगा दिया था। आज कर्फ्यू का आखिरी दिन भी है।
जोधपुर : राजस्थान (Rajasthan) का जोधपुर (Jodhpur) दो मई की रात हुई हिंसा के बाद से ही राजनीति का केंद्र बन गया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का गृह क्षेत्र होने के चलते बीजेपी (BJP) उन्हें घेरने की रणनीति पर काम करती दिखाई दे रही है। सोमवार शाम एक बार फिर यहां सियासी ड्रामा तब देखने को मिला जब भारतीय जनता युवा मोर्चा के कार्यकर्ता और पुलिस आमने-सामने आ गए। काफी देर तक बातचीत होती रही और गतिरोध बना रहा। शहर में पीड़ित परिवारों से मिलने जा रहे भाजयुमो कार्यकर्ताओं को पुलिस ने रोका तो वे नाराज हो गए।
पुलिस ने रोका तो भाजयुमो नाराज
भाजयुमो (BJYM) के कार्यकर्ता सोमवार शाम हिंसा में घायल हुए लोगों से मिलने जा रहे थे। तभी नई सड़क चौराहे पर उन्हें रोक दिया गया। जिसके बाद गतिरोध पैदा हो गया। इससे पहले जब भाजपा युवा मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष हिमांशु शर्मा की अगुवाई में कार्यकर्ता सर्किट हाउस से निकलने लगे तो पुलिस ने उन्हें वहीं रोक दिया। काफी समझाने के बाद उन्हें जाने दिया गया लेकिन जब वे नई सड़क चौराहे से कर्फ्यू वाले इलाके में जाने लगे तो पुलिस ने उन्हें रोक दिया और कहा गया कि ढील का समय खत्म हो गया है इसलिए वे अंदर नहीं जा सकते।
भाजयुमो कार्यकर्ता-पुलिस आमने-सामने
पुलिस ने साफ-साफ मना कर दिया कि कर्फ्यू वाले इलाके में प्रवेश नहीं होगा इसके बाद भाजपा कार्यकर्ता चौराहे पर खड़े हो गए उनके सामने पुलिस ने भी अपने जवान तैनात कर दिए एसीपी देरावर सिंह ने कहा कि कर्फ्यू का समय हो गया है इलाके में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। हिमांशु शर्मा ने कहा की हम शांतिपूर्वक अंदर जाना चाहते हैं। लेकिन पुलिस ने अनावश्यक तरीके से हमें अंदर नहीं जाने दिया जा रहा है। हम हर हाल में घायलों से मिलकर ही रहेंगे। इसके काफी देर तक कहासुनी होती रही।
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