सार
तालिबानी शिक्षा का यह मामला प्रदेश के हाड़ौती क्षेत्र के कोटा जिले का है। जहां स्कूल में स्टूडेंट्स को सिखाया जा रहा था कि मां-बाप को अब्बू - अम्मी बोला जाए। इतना ही नहीं दादाजी फारुख का बगीचा, नॉनवेज खाने के लिए भी मेटिवेट किया जा रहा है।
कोटा. राजस्थान में हाल ही में उदयपुर में हुए कन्हैयालाल हत्याकांड का पाकिस्तानी कनेक्शन अब तक पूरी तरीके से सामने नहीं आ पाया है। इससे पहले ही प्रदेश के लिए एक प्राइवेट स्कूल में स्टूडेंट्स को दी जाने वाली शिक्षा ने प्रशासन को हिला कर रख दिया है। दरअसल स्कूल में स्टूडेंट्स को सिखाया जा रहा था कि मां-बाप को अब्बू - अम्मी बोला जाए। वही स्कूल की किताबों में भी मां को अम्मी और पिता को अब्बू लिखा हुआ है। जब इस बात का पता बजरंग दल को लगा तो उन्होंने शिक्षा विभाग को इसकी शिकायत दी। इसके बाद शिक्षा विभाग ने स्कूल के खिलाफ कार्यवाही शुरू की है।
हैदराबाद में छपी किताबें
दरअसल मामला प्रदेश के हाड़ौती क्षेत्र के कोटा जिले का है। यह आप बजरंग दल कार्यकर्ताओं को पिछले कुछ दिनों से फोन पर शिकायतें मिल रही थी कि स्कूल में पढ़ाई जाने वाली किताबों में एक समुदाय विशेष के शब्दों का प्रचलन ज्यादा है। जब बजरंग दल कार्यकर्ताओं ने बुक डिपो पर इस बात का मालूम किया तो उन्हें पता चला कि यह हैदराबाद के एक पब्लिकेशन से छपी हुई किताबें हैं।
किताब में दादाजी फारुख का बगीचा, नॉनवेज खाने के लिए किया जा रहा मोटिवेट
जब बजरंग दल कार्यकर्ताओं ने किताब देखी तो उसमें 113 पन्ने थे। किताब शुरुआती कक्षा की थी जिसमें नए शब्द के रूप में मदर को अम्मी और फादर को अब्बू बोलना बताया जा रहा था। साथ ही एक चैप्टर किताब में और था जिसका नाम दादाजी फारुख का बगीचा था इसमें पूरी तरह से एक समुदाय विशेष के व्यक्ति के लड़के और उसके दादा की कहानी को बताया गया था। वही किताब में पेज नंबर 20 पर यह भी बताया गया कि पैरंट्स किचन में है और वह बिरयानी बना रहे हैं। ऐसे में हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं का कहना है कि किताब में इस बात का जिक्र करके बच्चों को नॉनवेज खाने के लिए मोटिवेट किया जा रहा है। मामले में परिजनों का कहना है कि ऐसे तरह की शिक्षा लेने के बाद अब बच्चे उन्हें अब्बू अम्मी बोलने लगे हैं और घर में बिरयानी बनाने की बात कह रहे हैं। इस पूरे मुद्दे को लेकर हिंदू समुदाय के लोगों में गहरा आक्रोश है। फिलहाल पूरे मामले में शिक्षा विभाग ने अब जांच शुरू कर दी है।
जयपुर, भीलवाड़ा समेत कई जगही दी जा चुकी है ऐसी शिक्षा
राजस्थान में यह पहला मामला नहीं है जब ऐसा हुआ हो कि दूसरे समुदाय के लोगों को भी अनेक समुदाय की शिक्षा दी जा रही हो। इससे पहले भी राजस्थान के जयपुर, भीलवाड़ा समेत कई ऐसे बाहुल्य क्षेत्रों में ऐसे मामले सामने आए हैं। हालांकि इनमें अभी तक कोई भी मुखिया तक नहीं पहुंच पाया है।