सार

 राजस्थान के कोटा जिले के एक रिटायर्ड लेक्चरर ने अनूठी पहल की है। उन्होंने अपने बेटे की शादी में ने दहेज प्रथा के खिलाफ अपनी बुलंद आवाज उठाते हुए दहेज में मिली लाखों रुपए की कार और लाखों रुपए कैश दुल्हन के पिता को वापस लौटा दिए।
 

कोटा. राजस्थान शादियों में हमेशा नवाचारों के लिए जाना जाता है। कोई यहां करोड़ों रुपए की शादी करता है तो कोई अपनी बेटी को महंगी से महंगी काट देता है। इसी बीच राजस्थान के कोटा जिले के एक रिटायर्ड लेक्चरर ने अनूठी पहल की है प्रधान दरअसल लेक्चरर ने अपने बेटे के दहेज में मिली लाखों रुपए की कार और डेढ़ लाख रुपए की नगदी लौटा दी। बीच शादी जब दूल्हे के पिता ने दहेज देने से मना किया तो एकबारगी तो सब चौक गए लेकिन फिर दूल्हे के पिता ने कहा कि यह सब उसके लिए कर्ज के जैसा है। ऐसे में दूल्हे के पिता ने केवल 1100 रुपए लिए और शादी हो गई।

'दहेज का कर्ज अगले जन्म में उतारना पड़ेगा...इसलिए मैं नहीं ले सकता'
दरअसल कोटा के पीपल्दा कस्बे में रिटायर्ड लेक्चरर सत्य भास्कर के बेटे की शादी 13 दिसंबर को थी। उनके बेटे के ससुर कान सिंह ने सत्य भास्कर को जैसे ही शगुन के तौर पर पैसे देने की कोशिश की तो सत्य भास्कर खड़े हो गए और फिर कान सिंह का हाथ पकड़कर पैसे लेने से मना कर दिया। कुछ ही देर बाद सत्य भास्कर को पता चला कि लड़की वाले तो उनके लिए और भी लेकर आए हैं। तो सत्य भास्कर ने उसके लिए भी मना कर दिया। कार की कीमत में करीब 10 से 15 लाख के बीच थी। लेकिन इसके बाद भी वह गाड़ी सत्य भास्कर ने नहीं ली। सत्य भास्कर ने कहा कि उन्हें जो भी करना है खुद की कमाई से करना है। दहेज एक कर्ज है जो उन्हें अगले जन्म में उतारना होगा।

जिंदादिली की हर कोई कर रहा तारीफ
रिटायर्ड लेक्चरर सत्य भास्कर का कहना है कि समाज में अब फैमिली की रिपोर्ट दहेज के स्टेटस के आधार पर होने लगी है। इससे समाज में कंपटीशन भी बहुत ज्यादा बढ़ गया है। सक्षम लोग तो दहेज दे देते हैं लेकिन गरीबों को इसके लिए कर्ज भी लेना पड़ता है। सुबह कई साल तक नहीं चुका पाते हैं। ऐसे में इस प्रथा को दूर करना चाहिए। वही अब इस मामले को लेकर सत्य भास्कर के समधी कान सिंह का कहना है कि वह भी अपने बेटे की शादी में दहेज नहीं लेंगे। जिससे समाज में अच्छा संदेश जाएगा। आपको बता दें कि इस रिटायर्ड लेक्चरर के पिता रामगोपाल फ्रीडम फाइटर थे। बेटा भी लाखों रुपए की नौकरी कर रहा है।