सार

राजस्थान के कोटा में आज सवेरे पैंथर ने कई लोगों पर हमला करते हुए घायल कर दिया, 4 को अस्पताल में भर्ती कराया गया। घर के कमरे में बंद पैंथर... सवाल ये कि अब कुंदी कौन खोले। फॉरेस्ट डिपार्टमेंट की 3 टीमों ने बेहोश करने के बाद उसको कैप्चर कर लिया है।

कोटा (kota). जरा सोचिए....आप सवेरे नहा धोकर सूरज देव को जल अर्पित करने के लिए छत पर जाएं और वहां पर आपको बंदर नहीं पैंथर मिल जाए। क्या होगा नजारा?  डर के मारे पैर जड़ हो जाएं.....। वैसे तो ऐसा सोचना और होना लगभग नामुमकिन है, लेकिन राजस्थान के कोटा शहर में रहने वाले 65 साल के बुजुर्ग के साथ ऐसा वाकया सच में ही हो गया। बुजुर्ग समेत कुछ अन्य लोगों को पैंथर ने घायल कर दिया। सवेरे छह बजे से दस बजे तक चार लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया जा चुका है। पैंथर अब एक घर में एक कमरे में बंद है। उसे पकड़ने के लिए प्रयास में लगी वन विभाग की तीन टीमों ने खबर लिखे जाने तक सफलता पूर्वक पकड़ लिया। इससे पहले डार्ट देकर बेहोश किया गया।  पूरा मामला कोटा शहर के महावीर नगर विस्तार कॉलोनी का हैं। 

पार्क में बैठा था, फिर छत पर कूद घर में घुसा
स्थानीय लोगों ने बताया कि महावीर नगर विस्तार योजना स्थित कॉलोनी के नजदीक ही पार्क में सवेरे करीब पांच बजे के आसपास लोगों ने एक बड़ा जानवर देखा था। अंधेरा होने के कारण वह ज्यादा साफ नहीं दिख सका। लोग अंदाजा लगा पाते इससे पहले ही करीब छह बजे पता लग गया कि वह बड़ा जानवर पैंथर है। उसने कॉलोनी के पार्क के नजदीक ही रहने वलो 65 साल के हरिशंकर पर हमला कर दिया। हरिशंकर सवेरे छह बजे घर की छत पर आए तो वहां पैंथर बैठा था। पैंथर ने हरिशंकर पर हमला कर दिया और दूसरे घर की छत पर कूद गया। वहां छत पर बैठे एक युवक पर हमला किया। उसके बाद नीचे उतर गया दो मंजिल। नीचे दो लोगों पर हमला किया और उसके बार परिवार के ही एक सदस्य ने हिम्मत दिखाते हुए उस कमरे की कुंदी बाहर से बंद कर दी। उसके बाद परिवार के सभी लोग एक कमरे में बंद हो गए। जिस घर में पैंथर बंद हैं, उस घर के बाहर भीड़ लगी हुई है। 

किया चार को घायल, वन विभाग ने बेहोश कर पकड़ा
स्थानीय लोगों ने बताया कि अब तक चार को तो पैंथर घायल कर चुका है। जिन्हें निजी अस्पताल और मेडिकल कॉलेजों मंे लाया गया है। दरअसल कोटा शहर की सीमा से सटे रावतभाटा क्षेत्र के जंगलों से पैंथर आने के कयास लगाए जा रहे हैं। साथ ही राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय परिसर के नजदीकी जंगलों में भी बड़ी संख्या में पैंथर और भालू हैं। वहां से भी पैंथर के आ सकने के बारे में बताया जा रहा हैं। फिलहाल छत पर जाने वाले रास्ते पर पिंजरे और जाल लगाकार पैंथर को काबू करने की कोशिश की जा रही थी। वन विभाग की टीम ने डार्ट के जरिए बेहोश कर पैंथर को पकड़ लिया है।

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