सार
राजस्थान में एक बार फिर सियासी घटनाक्रम देखने को मिल सकता है। क्योंकि प्रियंका गांधी के नजदीकी कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने मुख्यमंत्री बदलने के संकेत दिए हैं। उन्होंने कहा- फैसला लिखा जा चुका है, सिर्फ सुनाना बाकी है। यह बयान जब दिया तब वह डॉक्टर सीनियर नेता सीपी जोशी से मिलने पहुंचे थे।
जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ अक्सर बयान करने वाले और प्रियंका गांधी के नजदीकी आचार्य प्रमोद कृष्णम आज जयपुर पहुंचे तो उन्होंने मीडिया का ध्यान खींचा । वे विधानसभा अध्यक्ष डॉक्टर सीपी जोशी से मिलने पहुंचे थे। प्रमोद कृष्ण ने इस मुलाकात के बाद मीडिया को फिर से चौंकाने वाला बयान दिया उनका कहना था कि मैं तो जोशी भाई के यहां गुड़ की चाय पीने आया हू और हमारे बीच में कुछ अनौपचारिक बातें हुई है । हालांकि उन्होंने अपने बयानों में यह संकेत दे दिया कि राजस्थान में जल्द ही नया सवेरा होने वाला है ।
हाईकमान ने यह फैसला परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए ही लिया
उन्होंने यहां तक कहा कि 25 सितंबर को राजस्थान में जो भी कुछ हुआ वह भारतीय कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के सामने ही हुआ था । उस समय वे पर्यवेक्षक थे । अजय मकान भी उनके साथ आए थे। ऐसे में सबके सामने सब कुछ है किसी को कुछ भी कहने की जरूरत नहीं है । कांग्रेस हाईकमान को सब पता है और जो भी फैसला लिया जाएगा वह वर्तमान परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए ही लिया जाएगा । आचार्य प्रमोद ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के समर्थन में इस्तीफे लिखने वाले विधायकों और मंत्रियों की भी जमकर खिंचाई की उन्होंने कहा कि कार्रवाई तो सभी पर होनी चाहिए, सिर्फ तीन पर ही क्यों की इस बारे में भी कुछ नहीं कर सकते ।
अशोक गहलोत मलिकार्जुन खड़गे के करीबी...फिर क्या होगा फैसला
उल्लेखनीय है कि 25 सितंबर को जयपुर में हुए घटनाक्रम के बाद कांग्रेस सुप्रीमो सोनिया गांधी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व मुख्यमंत्री सचिन पायलट दोनों को अलग-अलग मिलने का समय दिया और दोनों से अलग-अलग मुलाकात की । उसके बाद जब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कांग्रेस के अध्यक्ष का चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया तो मल्लिकार्जुन खरगे को चुनाव लड़ा गया और वे जीते भी।पि मलिकार्जुन खरगे को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नजदीकी बताया जाता है ।
गुजरात विधानसभा चुनाव के बाद ही होगा फैसला
पिछले दिनों हुए पूरे घटनाक्रम और दिल्ली में हुई बैठकों के बाद यह तय किया गया कि गुजरात विधानसभा चुनाव के बाद ही राजस्थान के मुद्दे पर चर्चा होगी। लेकिन आज दोपहर में आचार्य प्रमोद कृष्ण के बयान ने एक बार फिर से राजस्थान में मुख्यमंत्री की कुर्सी के विवाद को हवा दे दी है । आचार्य प्रमोद कृष्णन प्रियंका गांधी के बेहद करीबी माने जाते हैं और वे शुरू से ही सचिन पायलट के पक्ष में बयान देते रहे हैं । आचार्य कृष्ण के बयानों के बाद अशोक गहलोत सचिन पायलट गुट की तरफ से फिलहाल किसी भी तरह का कोई बयान सामने नहीं आया है।