सार
राजस्थान सरकार होने वाले राजसभा चुनाव में अपने विधायकों के भरोसे जिन तीन सीटों पर दावा कर रही है, उन्हे कंफर्म करने के लिए विधायकों की बाड़ेबंदी की है ताकि जीत तय की जा सके। पर विधायकों की नाराजगी से थिंक टैंक में चिंता बनी हुई है..
जयपुर (jaipur). राजस्थान की राज्यसभा चुनाव की तारीख नजदीक आ रही है। ऐसे में कांग्रेस बाड़ेबंदी कर अपनी स्थिति को मजबूत करने में लगी है। राजसभा की 4 सीटों पर चुनाव होना है। जिसमें कांग्रेस 126 विधायकों के समर्थन के साथ आसानी से तीनों सीटों पर जीत के दावे कर रही है। लेकिन जिस तरह से खेमे में विधायकों की नाराजगी और अलगाव की खबरें पिछले कुछ दिनों से आ रही है उससे कांग्रेस थिंक टैंक की चिंता बढ़ी हुई है। थिंक टैंक को टेंशन इसलिए भी ज्यादा है क्योंकि 27 विधायक जो कांग्रेस खेमे के है अभी तक बाड़ेबंदी में नहीं पहुंचे हैं। इनमें कांग्रेस के ही नहीं बल्कि उनका समर्थन करने वाले समर्थित विधायक शामिल हैं। थिंक टैंक की कमान संभाले लीडर यही कह रहे है कि एक-दो दिन में सभी विधायक बाड़ेबंदी में पहुंच जाएंगे, लेकिन कांग्रेस विधायकों और समर्थित विधायकों की जो नाराजगी और बयानबाजी सामने आ रही है उससे दल के खेमे में हलचल मची हुई है।
कांग्रेस के ही कुछ विधायक बाड़ेबंदी में नहीं पहुंचे, ये चल रहे नाराज
इधर जब से कांग्रेस ने बाड़ेबंदी की है तब से उसमें खुद के खेमे के 14 विधायक अभी तक भी नहीं पहुंचे हैं। जो विधायक बाड़ेबंदी में नहीं पहुंचे हैं उनमें खिलाड़ी लाल बैरवा, गिर्राज सिंह मलिंगा, राजेंद्र बिधूड़ी, अमीन कागजी, दानिश अबरार, भरत सिंह, प्रताप सिंह खाचरियावास, लालचंद कटारिया, दीपेंद्र सिंह, बाबूलाल बैरवा, वेद प्रकाश सोलंकी, भंवर लाल शर्मा, परसराम मोरदिया और मुरारी लाल मीणा हैं। आपको बता दे कि बाड़ेबंदी में न पहुंचने वाले इन विधायकों में तीन मंत्री भी शामिल हैं। वहीं जिन विधायकों की नाराजगी सामने आई है उनमें बसपा से कांग्रेस में आए वाजिब अली, मंत्री राजेंद्र गुढ़ा, संदीप यादव, लाखन मीणा, कांग्रेस विधायक खिलाड़ी लाल बैरवा, गिर्राज सिंह मलिंगा और राजेंद्र बिधूड़ी शामिल है।
ये निर्दलीय विधायक भी दूर रहे बाड़ेबंदी से
जिन निर्दलीय विधायकों ने बाड़ेबंदी से दूरी बनाई हुई हैं उनमें बलजीत यादव, संयम लोढ़ा, रामकेश मीणा और ओम प्रकाश हुड़ला हैं। आपको बता दे कि इनमें से रामकेश मीणा और संयम लोढ़ा तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सलाहकारों में शुमार हैं। यह विधायक अपनी किसी न किसी बीमारी के चलते बाड़ेबंदी में नहीं पहुंच पाएं है। सिर्फ निर्दलीय दल के ही नहीं कांग्रेस खेमे के कई विधायक ऐसे भी हैं जो बीमारी के चलते बाड़ेबंदी में नहीं पहुंचे हैं। इनमें दीपेंद्र सिंह शेखावत, बाबूलाल बैरवा, वेद प्रकाश सोलंकी, भंवर लाल शर्मा और परसराम मोरदिया शामिल हैं।
सहयोगी दलों के विधायक भी नहीं दी उपस्थिति
सियासी संकट के दौरान और इससे पहले हुए राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस का साथ देने वाले सहयोगी दलों बीटीपी और माकपा के विधायकों ने भी इस बार बाड़ेबंदी से दूरी बनाए रखी हैं। माकपा विधायक बलवान पूनिया गिरधारी महिया हैं। इसके अलावा बीटीपी विधायक राजकुमार रौत और रामप्रसाद भी बाड़ेबंदी में नहीं पहुंचे हैं।
आज मुख्यमंत्री विजिट करेंगे बाड़ेबंदी में
इधर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत आज बाड़ेबंदी का जायजा लेने के लिए खुद उदयपुर पहुंचेंगे। मुख्यमंत्री गहलोत सुबह 10:30 बजे जयपुर से उदयपुर से रवाना होंगे और 11:30 बजे उदयपुर पहुंचेंगे, जहां पर वे ताज अरावली रिसोर्ट में चल रही कांग्रेस की बाड़ेबंदी में विधायकों से मुलाकात करेंगे। साथ ही बाड़ेबंदी की जिम्मेदारी देख रहे कैबिनेट मंत्री रामलाल जाट, कांग्रेस नेता धर्मेंद्र राठौड़ और विधायक रफीक खान के साथ चर्चा भी करेंगे।
जो मंत्री जयपुर में रुके हुए हैं उनमें कैबिनेट मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास, लाल सिंह कटारिया विश्वेंद्र सिंह और मुरारी लाल मीणा शामिल है। बताया जाता है कि चारों मंत्री जयपुर में रुककर सरकार का कामकाज देख रहे हैं।