सार
बीजेपी की निलंबित विधायक शोभा रानी कुशवाहा ने साफ कहा है कि सुभाष चंद्रा जीतने वाले नहीं थे। समाज व परिवार के कहने पर बीजेपी से बनाई है दूरी। कुशवाहा समाज के खिलाफ काम कर रही है बीजेपी।
Rajya Sabha Election 2022 राज्यसभा चुनाव के दौरान बीजेपी को राजस्थान में जोरदार झटका लगा है। तीन राज्यों में विपक्षी असंतोष का लाभ उठाने वाली पार्टी राजस्थान में अपने विधायक को ही संभाल नहीं पाई। हालांकि, आनन-फानन में क्रॉस वोटिंग करने वाली बीजेपी विधायक शोभा रानी कुशवाहा को निलंबित करने का दांव भी पार्टी के लिए उल्टा पड़ता दिख रहा है। विधायक शोभारानी कुशवाहा ने निलंबन का लेटर मिलने के बाद जवाबी लेटर में बीजेपी को ही कटघरे में खड़ा करते हुए कई गंभीर आरोप लगाए हैं।
टिकट मांगने नहीं गई थी...
बीजेपी की निलंबित विधायक शोभारानी ने कहा कि बीजेपी के पास हम टिकट मांगने नहीं गए थे। वह हमारे पास आए थे कि आप चुनाव लड़िए। बता दें कि शोभारानी धौलपुर से विधायक हैं। उन्होंने अपने निलंबन के बाद बीजेपी को कुशवाहा समाज की खिलाफत करने वाला बताया। कहा कि कुशवाहा समाज के खिलाफ भाजपा ने काम किया है। अपने पापों को धुलने के लिए कुशवाहा समाज की बेटी को टिकट दिया था। टिकट देते समय कई वादे किए गए थे। उस वक्त काफी लोग मौजूद थे लेकिन एक भी वादा बीजेपी के जिम्मेदारों ने पूरा नहीं किया। पिछले कुछ समय से तो इतनी दूरियां बना ली गई कि मिलने तक नहीं दिया जाता था।
मेरे पति और परिवार को जबरन जेल भेजा
शोभा रानी कुशवाहा ने कहा कि उनके पति और परिवार के कुछ अन्य लोगों को जबरन जेल में धकेल दिया गया। पार्षद जैसे लोकल चुनाव में भी भाजपा के प्रबंधन ने उन को हराने की भरपूर कोशिश की और वे इसमें सफल भी हुए। उन्होंने अपने ही उम्मीदवारों के खिलाफ माहौल बनाया। क्रॉस वोटिंग के बारे में उनका कहना था कि हमें पार्टी ने इस लायक ही नहीं समझा कि हम पार्टी के मुख्य नेता को वोट दे सके। हमें यह कहा गया था कि आपको घनश्याम तिवारी को वोट नहीं देना सुभाष चंद्रा के पक्ष में वोटिंग करनी है। उन्होंने कहा कि सुभाष चंद्रा जीतने वाले प्रत्याशी थे नहीं, यह सभी लोग जानते थे।
समाज के कहने पर बनाई पार्टी से दूरी
बीजेपी विधायक शोभारानी कुशवाहा ने कहा कि उन्होंने पार्टी को लेकर अपने परिवार व कार्यकर्ताओं से संवाद किया था। सभी का यह कहना था कि समाज के हित में काम न करने वाली पार्टी में जुड़े रहने का कोई मतलब नहीं है। इसलिए पार्टी से दूरी बना ली है।
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