सार
वकील के आत्मदाह के बाद भड़की आक्रोश की आग, 27 घंटे से कोर्ट के सामने पड़ा है शव, अंतिम संस्कार नहीं करने पर अड़े वकील। सरकार ने भी नहीं अभी तक कोई सुध। सांसद ने भी वकीलों के धरने का किया समर्थन
सीकर. राजस्थान के सीकर जिले के खंडेला एसडीएम कोर्ट में वकील हंसराज के आत्मदाह के बाद आक्रोश की आग लगातार धधकती जा रही है। मौत के तीसरे दिन भी धरने पर बैठे हजारों वकीलों ने मृतक के शव का अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया। पिछले 27 घंटे से शव को एसडीएम कोर्ट के सामने ही रखकर वकील अपनी पांच सुत्रीय मांगों पर अड़े हुए हैं। अब तो प्रशासन से समझौता वार्ता के लिए भी इन्कार कर दिया है। उनका कहना है कि पहले एसडीएम व थानाधिकारी को गिरफ्तार करने पर ही बाकी मांगों पर प्रशासन या सरकारी नुमाइंदों से वार्ता होगी। चेतावनी भी दी है कि जल्द ही उनकी मांगे नहीं मानी गई तो आंदोलन को उग्र करते हुए प्रदेश स्तर पर बढ़ाया जाएगा।
सांसद ने भी की निष्पक्ष जांच की मांग
बार काउंसिल की ओर से जारी धरने में शनिवार को सांसद सुमेधानंद सरस्वती भी पहुंचे। जिन्होंने भी वकीलों के धरने प्रदर्शन को जायज ठहराते हुए मामले में निष्पक्ष जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। राजस्व कार्यालय का पीठासीन अधिकारी न्यायिक व्यक्ति होने की वकीलों की मांग का भी समर्थन किया।
27 घंटे से सड़क पर शव, रात को भी जारी रहा धरना
इधर, मृतक वकील हंसराज का शव पिछले 27 घंटों से सड़क पर ही रखा है। जयपुर में उपचार के दौरान मौत के बाद शुक्रवार को खंडेला पहुंचते ही वकीलों ने उसका शव धरना स्थल पर ही रुकवा लिया। जहां पहले तो वह एंबुलेंस में ही पड़ा रहा। बाद में डीप फ्रीज मंगवाकर शव को सुरक्षित किया गया। तब से उसी के पास बैठकर वकील अपनी मांग बुलंद कर रहे हैं।
इन मांगों को लेकर बैठे विरोध पर
बतादें कि अभिभाषक संघ ने मामले में पांच सुत्रीय मांग रखी है। जिसमें आरोपी एसडीएम राकेश कुमार व थानाधिकारी घासीराम मीणा को बर्खास्त कर गिरफ्तार करने, मृतक वकील के परिजनों को दो करोड़ रुपए का मुआवजा व एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने, घटना की सीबीआई जांच करवाने, आरोपी एसडीएम के कार्यकाल में हुए कार्यों की न्यायिक जांच कराने व राजस्व कार्यालय के पीठासीन अधिकारी के रूप में न्यायिक अधिकारी नियुक्त करने की मांग शामिल है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि मांग पूरी होने पर ही शव उठाया जाएगा।
ये थी घटना
वकील हंसराज मावलिया ने एसडीएम राकेश कुमार पर भ्रष्टाचार व थानाधिकारी घासीराम पर धमकाने का आरोप लगाते हुए गुरुवार दोपहर को एसडीएम कोर्ट में ही खुद पर पैट्रोल डालकर आग लगा ली थी। बाद में दौड़ते हुए एसडीएम के कमरे में पहुंच गया। जहां उसने एसडीएम को जलाने के लिए उन्हें पकडऩे की कोशिश की। जिसे एसडीएम ने छिटककर दूर किया। इसी बीच आस पास के लोगों ने बीच बचाव करते हुए उसकी आग बुझाकर उसे सरकारी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया। जहां गंभीर हालत में जयपुर रेफर करने पर उसने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। इसी बीच घटना में आक्रोश वकील गुरुवार को ही आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग सहित पांच मांगों को लेकर धरने पर बैठ गए। शुक्रवार को जब मृतक का शव खंडेला पहुंचा तो उसे भी धरना स्थल पर ही रखकर प्रदर्शन शुरू कर दिया।
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