सार
सीकर में वकील के आत्मदाह के बाद जयपुर में वकीलों का हंगामा, शहर जाम कर दी। पीड़ित के घर वालों के लिए वकीलों ने मांगी सरकारी नौकरी, मुआवजा और दोषियों की गिरफ्तारी कलेक्ट्र पर जाम लगाया, आसपास के दस किलोमीटर में जाम के हालात आज पूरे दिन कार्य बहिष्कार पहले ही कर चुके वकील
जयपुर (jaipur). सीकर के खंडेला में वकील के आत्मदाह के मामले में आज जयपुर में बवाल मचा हुआ है। जयपुर समेत प्रदेश के सभी शहरों में न्यायिक कार्यों का वकीलों ने पूरी तरह से बहिष्कार कर दिया है। आत्मदाह करने वाले वकील की मौत के बाद अब माहौल और ज्यादा खराब होता जा रहा है। डीसीपी मृदुल कच्छावा समेत कई थानों की पुलिस जयपुर शहर की कलेक्ट्री के बाहर तैनात है। वकीलों की कई मांगे हैं और इन मांगों के पूरा नहीं होने तक वकीलों ने सड़कों पर ही डटे रहने की तैयारी कर ली है। फिलहाल सरकार के किसी प्रतिनिधी मंडल ने वकीलों से बातचीत नहीं की हैं।
यह है पूरा मामला, वकील की मौत के बाद जयपुर में हुआ पोस्टमार्टम
दरअसल सीकर के खंडेला में वकील हंसराज ने गुरुवार को खुद को आग के हवाले कर लिया था। पुलिस और प्रशासनिक अफसरों को खुद की मौत का जिम्मेदार बताते हुए हंसराज ने सुसाइड़ नोट भी छोड़ा था। सत्तर प्रतिशत से ज्यादा बर्न हो जाने के बाद हंसराज को सीकर से जयपुर रेफर किया गया था लेकिन जयपुर में भी डॉक्टर उन्हें नहीं बचा सके। उनकी मौत हो गई। इस मौत के बाद आज जयपुर समेत सभी जगहों पर वकीलों ने हंसराज के लिए इंसाफ मांगना शुरु कर दिया हैं। जयपुर समेत कई शहरों में वकीलों ने सड़क पर प्रदर्शन करना शुरु कर दिया है। जिससे जाम के हालात बन रहे हैं।
सरकारी नौकरी, मुआवजा, गिरफ्तारियां... कई मांगे हैं वकीलों की
दी डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन जयपुर के महासचिव गजराज सिंह ने कहा कि वकील सड़कों पर आ गए हैं। साथी वकील को शहीद का दर्जा नहीं देने तक सड़कों से नहीं हटेंगे। उनका कहना है कि ये सुसाइड नहीं है मर्डर है और कई इसके जिम्मेदार हैं। थानाधिकारी और प्रशासिनक अधिकारियों पर 302 का केस दर्ज करना होगा। दिवंगत साथी के परिवार के एक सदस्य को सरकार को सरकारी नौकरी देनी होगी। एक करोड रुपए मुआवजा देना होगा। ऐसा नहीं होगा तब तक सड़कों से नहीं हटेंगे।
वकीलों का प्रदर्शन हुआ उग्र
न्यायिक कार्य छोड़कर वकील सड़कों पर आ गए हैं और प्रदर्शन शुरु कर दिया है। सुबह मामला जाम और बंद कराने तक था पर दोपहर तक मामले में तूल पकड़ता जा रहा है। जयपुर के अलावा दौसा, सीकर, जोधपुर समेत प्रदेश के लगभग सभी शहरों में कामकाज ठप्प हो चुका है। लेकिन जयपुर में सबसे ज्यादा बवाल मचा हुआ है। जयपुर में वकीलों ने रास्ते जाम कर दिए हैं और आगजनी शुरु कर दी है। उन्होने टायरों में आग लगा कर सड़को पर प्रदर्शन करने लगे है। ऐसे विरोध के बाद अब सरकार पर दबाव बढ़ता जा रहा है। इस बीच एडवोकेट हंसराज के पार्थिव शरीर को जयपुर के एसएमएस अस्पताल से भारी सुरक्षा बंदोबस्त के बीच सीकर के खंडेला के लिए रवाना कर दिया गया है।
पेट्रोल डालकर किया था आत्मदाह
हंसराज मावलिया गुरुवार दोपहर को एक बैग लेकर एसडीएम कोर्ट पहुंचा था। जिसमें वह एक थैली में पैट्रोल व एक बोतल में जहरीला पदार्थ लाया था। जनसुनवाई के बाद एसडीएम राकेश कुमार जैसे ही ऑफिस में बैठे उसी समय उसने खुद पर पैट्रोल डालकर आग लगा ली। बाद में दौड़ते हुए एसडीएम के कमरे में पहुंच गया। जहां उसने एसडीएम को जलाने के लिए उन्हें पकडऩे की कोशिश की। जिसे एसडीएम ने छिटककर दूर किया। इसी बीच आस पास के लोगों ने बीच बचाव करते हुए उसकी आग बुझाई। जिसके बाद उसे सरकारी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया। जहां गंभीर हालत में उसे जयपुर रेफर करने पर उसने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया।
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