सार

राजस्थान में  लंपी वायरस को लेकर चौकाने वाले खुलासे सामने आए है। प्रदेश में हुई विधानसभा मीटिंग में विपक्ष के नेता गुलाब चंद कटारिया की तरफ से यह आकड़े पेश किए गए है। हैरान करने वाली इस रिपोर्ट के आधार पर प्रतिदिन 6 हजार से ज्यादा मवेशियो की जान गई है।

सीकर. राजस्थान में लंपी बीमारी से पशुओं की मौत को लेकर विधानसभा में भयावह आंकड़ा पेश हुआ है। नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने ये आंकड़ा सरपंचों की रिपोर्ट के हवाले से पेश किया है। जिसमें उन्होंने लंपी बीमारी से प्रदेश में अब तक 8 लाख पशुओं की मौत की जानकारी दी है। जिसके हिसाब से प्रदेश में पिछले चार महीनों में रोजाना 6 हजार से ज्यादा गाय व भैंस दम तोड़ रही है। मामले में कटारिया ने राज्य सरकार को भी जमकर घेरा। उन्होंने कहा कि सरकार ने बीमारी को मजाक बना रखा है। जो प्रदेश में 59 हजार 7 पशुओं के मरने की बात कह रही है। जबकि सात लाख पशुओं की मौत वीडीओ भी बता रहे हैं। 

केंद्र सरकार के चताने पर भी नहीं चेती सरकार
कटारिया ने राज्य सरकार को घेरते हुए कहा कि प्रदेश में गायों की मौत को लेकर राज्य सरकार बिल्कुल भी गंभीर नहीं दिखी। अप्रैल महीने में बीमारी शुरू होने के बाद केंद्र सरकार के चताने के बाद भी सरकार सोती रही। अगस्त में केंद्रीय मंत्री रूपाला जयपुर आए और बैठक ली। 28 अगस्त को पहली बार सरकार ने जिला कलेक्टर को दवा खरीद के लिए अधिकृत किया। उन्होंने कहा कि यदि अप्रेल महीने से ही सरकार प्रयास करती तो महामारी को रोका जा सकता था। 

वैक्सीन व पशुधन भर्ती पर उठाए सवाल
नेत प्रतिपक्ष कटारिया ने लंपी की वैक्सीन व पशुधन सहायक भर्ती को लेकर भी राज्य सरकार को निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि राज्य में 10 लाख पशुओं को वैक्सीन लगाई गई है। जबकि केंद्रीय पशुपालन मंत्री आने के बाद सरकार को 60 लाख वैक्सीन उपलब्ध करवाई गई थी। पशुधन सहायक भर्ती पर कहा कि यहां पशुधन की मौत से उनसे जीवन यापन करने वाले किसानों की कमर टूट गई उधर 900 पशु चिकित्सकों की भर्ती का  मुद्दा कोर्ट में चल रहा है। कहा कि जब प्रदेश में भाजपा की सरकार थी तो पशुओं का बीमा किया गया था, लेकिन मौजूदा सरकार ने उसे भी बंद कर दिया।

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